bell-icon-header
समाचार

Borewell rescue: 500 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची, 17 घंटे की जद्दोजहद के बाद भी नहीं बचे सके

गुजरात के अमरेली में डेढ़ साल की बच्ची करीब 500 फीट गहरे बोरवेल में गिरी। उसे बचाने के लिए प्रशासन की टीमों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। 17 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम को बोरवेल से बाहर निकाला जा सक। मगर यमराज से 17 घंटे तक लड़ बाहर आने पर जिंदगी की जंग हारी बच्ची।

डेढ़ साल की आरोही शुक्रवार खेलते-खेलते बोरवेल में गिरी थी।

अहमदाबादJun 15, 2024 / 05:43 pm

Khushi Sharma

17 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम को बोरवेल से निकाला

गुजरात के अमरेली जिला के सूरजपुरा गांव में करीब 500 फीट गहरे बोरवेल में गिरी डेढ़ साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। बच्ची को बचाने के लिए प्रशासन ने 17 घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
 पीड़िता की पहचान आरोही के रूप में हुई, जो शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे खेलते-खेलते खुले बोरवेल में गिर गई थी। 17 घंटे के लंबे बचाव प्रयास के बाद, शनिवार तड़के बच्ची को बेहोशी की हालत में बोरवेल से बाहर निकाला गया। बोरवेल से बाहर निकाले जाने के बाद बच्ची को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बच्ची को बचाने के लिए घंटों चला रेस्क्यू ऑपरेशन

बच्ची को बोरवेल से जिंदा निकालने के लिए घंटों रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। चारों तरफ उसके बचने की दुआएं मांगी जा रही थी।
रेस्क्यू ऑपरेशन में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), अमरेली अग्निशमन दल और 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मी संयुक्त रूप से अभियान में लगे रहे। रेस्क्यू ऑपरेशन को शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे शुरू किया गया। जो शनिवार सुबह तक जारी रहा।
  किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 16-17 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका। बोरवेल से निकालने के बाद बच्ची को तुरंत अमरेली सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया।
  बचाव अभियान के शुरुआती घंटों के दौरान बच्ची के शरीर में कोई हलचल नहीं दिख रही थी, लेकिन फिर भी उसे जीवित रखने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा दल के माध्यम से ऑक्सीजन प्रदान की गई।
  स्थानीय अग्निशमन विभाग ने घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि बाद में गांधीनगर से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम अभियान में शामिल हुई।

 गांधीनगर से एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार रात 10.20 बजे घटनास्थल पर पहुंची और अभियान शुरू किया। एनडीआरएफ ने बताया कि बोरवेल 500 फीट गहरा था और उसमें गिरने के बाद बच्ची करीब 50 फीट की गहराई पर फंस गई। बच्ची को सुबह करीब 5 बजे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया।

 केंद्रीय मंत्री ने लोगों से की थी अपील

इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने गुजरात के लोगों से खुले बोरवेल को बंद करने की अपील की।
 लोगों से खुले बोरवेल की सूचना सरकार को देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “मैं गुजरात के सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि अगर आप बोरवेल बंद नहीं कर सकते हैं तो कृपया हमें सूचित करें। हमें एक संदेश भेजें या हमें एक पत्र भेजें। मानवता के लिए काम करें।”
मंत्री ने चार महीने पहले द्वारका में हुई इसी तरह की घटना के बाद इसी तरह की कार्रवाई पर जोर दिया। उस समय करीब 35-40 बोरवेल बंद किए हए थे और मुख्यमंत्री ने खुले बोरवेल के संबंध में पत्र भी जारी किया था।

पहले भी हुईं ऐसी घटनाएं

  इसी तरह की एक घटना राजस्थान के अलवर जिले में भी हुई थी, जहां लक्ष्मणगढ़ इलाके के कनवाड़ा गांव में एक पांच साल का बच्चा 40 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। हालांकि बच्चे को सुरक्षित बचा लिया गया। इससे पहले 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में एक छह वर्षीय बच्चा खेत में खुले बोरवेल में गिर गया था। 45 घंटे के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को बाहर निकाल लिया गया। लेकिन उनकी जान नहीं बची।

Hindi News / News Bulletin / Borewell rescue: 500 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची, 17 घंटे की जद्दोजहद के बाद भी नहीं बचे सके

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.