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एमपी में कर्मचारियों के आड़े आया 400 करोड़ का बजट, राशि वृद्धि में वित्त विभाग का बड़ा अड़ंगा

Big hurdle of Finance Department in 20 percent increase in amount in MP 20 प्रतिशत राशि वृद्धि में वित्त विभाग का बड़ा अड़ंगा

भोपालOct 25, 2024 / 09:31 pm

deepak deewan

Big hurdle of Finance Department in 20 percent increase in amount in MP

मध्यप्रदेश में कर्मचारी अधिकारी अब राज्य सरकार की खिलाफत करने आगे आने लगे हैं। प्रदेश की बीजेपी सरकार पर कर्मचा​रियों अधिकारियों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया जा रहा है। प्रदेश का सरकारी अमला लंबे अर्से से महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहा है लेकिन यह फैसला अभी भी लंबित है। राज्य सरकार का अपने कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के हितों के आड़े आने का एक और मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रदेश सरकार अपने पूर्व कर्मचारियों को 79 साल की आयु पूरी करते ही 20 प्रतिशत अतिरिक्त राशि जोड़कर नहीं दे रही है। इतना ही नहीं, इस केस में सरकार रिव्यू पिटीशन लगाने की तैयारी कर रही है। मामले में बजट की कमी पूर्व कर्मचारियों के हितों के आड़े आ रही है।
एमपी में राज्य सरकार अपने सेवानिवृत कर्मचारी की 79 साल की उम्र पूरी होते ही मूल पेंशन में तिरिक्त राशि जोड़ने को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पेंशनर्स के 80वें साल में प्रवेश करते ही पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। शीर्ष कोर्ट के आदेश के बाद भी वित्त विभाग का कहना है कि नियमानुसार 80 साल पूरे होने के बाद ही बढ़ोत्तरी लागू होगी।
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केस में राज्य सरकार फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाने की तैयारी की जा रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार नियमानुसार पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि 80 साल की उम्र पूरी होने पर ही लागू होगी। अधिकारियों का मानना है कि राज्य सरकार कोर्ट में अपना पक्ष सही तरीके नहीं रख सकी है। यही कारण है कि रिव्यू पिटीशन लगाने की बात कही जा रही है। वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के अनुसार जल्द ही इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा।
बताया जाता है कि राज्य में हर साल 10 हजार से ज्यादा पेंशनर 79 साल की आयु पार करते हैं। 79 साल की उम्र पूरी करते ही पेेंशन में 20 प्रतिशत वृद्धि की तो सरकार को हर साल करीब 400 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। यही वजह है कि राज्य सरकार का वित्त विभाग मामले में दोबारा कोर्ट जाने की बात कह रहा है।
बता दें कि ओमप्रकाश सक्सेना बनाम मप्र सरकार के केस में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पेंशनर की 79 साल की आयु पूरी होते ही पहले दिन से ही 20 प्रतिशत वृद्धि करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। शीर्ष अदालत ने भी यही आदेश दिया था।

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