scriptAIIMS की स्टडी ने बढ़ाई चिंता, अगर आप 35 साल के हैं तो हो जाएं सतर्क | Patrika News
समाचार

AIIMS की स्टडी ने बढ़ाई चिंता, अगर आप 35 साल के हैं तो हो जाएं सतर्क

Health News: एम्स की स्टडी और अस्पतालों के आंकड़े बता रहे खराब जीवनशैली और गजैट्स से बिगड़ रही सेहत, 30 की उम्र में हो लोग हो रहे बीपी, डायबिटीज, मोतियाबिंद, नसों में ब्लॉकेज के शिकार

Aug 12, 2024 / 01:15 pm

Astha Awasthi

AIIMS

AIIMS

Health News: बिगड़ती जीवनशैली और डिस्प्ले उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल युवाओं को बुढ़ापे की ओर धकेल रहा है। ऊंचा सुनना, मोतियाबिंद, बीपी, डायबिटीज और दिल की नसों में ब्लॉकेज जैसी बीमारी अमूमन 50 या इससे ऊपर की उम्र में होती थी। अब ये बीमारियां 35 साल या इससे कम उम्र में भी हो रही हैं। भोपाल के अस्पतालों में 35 से कम उम्र के युवा बुढ़ापे में होने वाली बीमारियों के शिकार मिले हैं।
एम्स के आंकड़े बताते हैं, तीन साल में 60 साल से कम उम्र के 1048 लोगों में मोतियाबिंद की समस्या दिखी। 35 साल तक के 20 युवाओं में से 18 में दिल का दर्द बढ़ाने वाली होमोसिस्टीन का लेवल 15 से ज्यादा मिला। वहीं, कम सुनने की शिकायत लेकर 25 युवा रोज डॉक्टरों तक पहुंच रहे हैं।
ये भी पढ़ें: Vande Bharat: 2 राज्यों के यात्रियों की हो गई बल्ले-बल्ले, ‘वंदे भारत स्लीपर ट्रेन’ का रूट तय


सुनने में तकलीफ

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. यशवीर जेके की माने तो तेज आवाज के संपर्क में रहने से युवाओं की कान की नसें कमजोर हो रही हैं। हर माह सुनने तकलीफ पर 25 युवा आ रहे हैं।

केस स्टडी

35 से कम के युवा के दिल में होमोसिस्टीन का लेवल 40

काडियोलॉजिस्ट डॉ. किसलय श्रीवास्तव की केस स्टडी बताती है, युवाओं में दिल की नसों में ब्लॉकेज के लिए होमोसिस्टीन जिम्मेदार है। खून में होमोसिस्टीन का लेवल 15 से कम होना चाहिए, पर 35 साल से कम उम्र के 20 ह्रदय मरीजों में 18 में यह 40 से ज्यादा मिला।

एम्स की स्टडी: 18 साल के 36 युवाओं की मोतियांबिद की सर्जरी

एम्स की स्टडी के अनुसार, संस्थान के नेत्र विभाग में 3 साल में 2,621 लोगों की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई। इनमें से 40% (1048) मरीजों की उम्र 60 साल से कम थी। 36 की उम्र तो 18 साल से भी कम थी। एम्स ने इसके लिए डिजिटल डिवाइस को जिम्मेदार माना है। हालांकि सटीक जानकारी के लिए एम्स इस पर शोध कर रहा है।

यह भी समस्याएं

-नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नीतू मिश्रा की मानें तो रोज चार घंटे से ज्यादा डिजिटल डिवाइस इस्तेमाल करने वाले बच्चों से लेकर युवाओं की आंखों की रोशनी कम हो रही है।
-बीपी, शुगर के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।

Hindi News / News Bulletin / AIIMS की स्टडी ने बढ़ाई चिंता, अगर आप 35 साल के हैं तो हो जाएं सतर्क

ट्रेंडिंग वीडियो