इस डिजिटल परिवर्तन के बारे में श्वेताभ वाल्टर, चीफ प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी ऑफिसर, पीबीपार्टनर्स ने कहा कि मोबाइल ऐप्स और एआइ-संचालित प्रक्रियाओं जैसी टेक्नोलॉजी की मदद से कंपनियां भौगोलिक एवं बुनियादी ढांचे की बाधाओं को पार करते हुए व्यक्तिगत सेवा देने, क्लेम की प्रक्रिया को सरल बनाने, और वित्तीय समावेशन बढ़ाने में समर्थ बनी हैं।
एआई की मदद रिमोट जांच में तेजी लाया है और सत्यापन की त्रुटियों को कम किया है। साथ ही, एआइ ने क्लेम फाईलिंग, पॉलिसी जारी करने, और केवाईसी सत्यापन जैसे कई कामों को ऑटोमेट कर दिया है, जिनमें पहले काफी ज्यादा दस्तावेजों का उपयोग होता था। इसलिए एजेंट व्यक्तिगत ग्राहक सेवा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने में समर्थ बने हैं।
कंपनियों ने कई अभियान शुरू किए हैं, जिनका उद्देश्य एजेंट पार्टनर्स और ग्राहकों, दोनों के अनुभव को बेहतर बनाना है। पीओएसपी (पॉईंट ऑफ सेल्सपर्सन) पार्टनर्स के लिए ऑन-डिमांड पेआउट प्रणाली इसी तरह का एक इनोवेशन है, जिसके अंतर्गत एजेंट पार्टनर्स को बेहतर कैशफ्लो बनाए रखने का लचीलापन मिलता है और वो तुरंत पेमेंट मिलने से बहुत उत्साहित होकर काम करते हैं। इसके अलावा कंपनी व्हाट्सऐप द्वारा भी सेवा की जरूरतें पूरी करती है, जिससे एजेंट आसानी से पॉलिसीज़ का प्रबंधन कर सकते हैं, सेवा निवेदन पूरे कर सकते हैं और हाथों-हाथ समस्या का समाधान कर सकते हैं।
बीमा के क्षेत्र में एक बड़ा डिजिटल परिवर्तन होने वाला है। एआइ और मोबाईल ऐप्स जैसी टेक्नोलॉजी से यूजर के अनुभव में काफी सुधार होगा और प्रक्रियाएं ज्यादा सुविधाजनक होकर ग्राहकों एवं एजेंट पार्टनर्स पर केंद्रित बनेंगी। साथ ही एजेंट पार्टनर्स के लिए प्रशिक्षण की विधियों को भी सरल बनाया जाएगा, ताकि वो इंश्योरेंस में हो रही प्रगति से अवगत रहें।