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AI Code Generation : startups और AI में अच्छा कॅरियर, पैरेंट्स सिखा रहे बच्चों को कोडिंग

AI Code Generation : startups और AI में अच्छा कॅरियर, पैरेंट्स सिखा रहे बच्चों को कोडिंग

जबलपुरSep 03, 2024 / 12:58 pm

Lalit kostha

AI Code Generation

AI Code Generation : स्टार्टअप, एआइ में कॅरियर की संभावना को देखते हुए बच्चों को कोडिंग सिखाई जा रही है। जिससे की तर्क शक्ति के आधार पर वे ऐप, सॉटवेयर, वेबसाइट विकसित किसी समस्या का निराकरण दे सकें। बच्चों से लेकर युवा ऑन लाइन प्लेटफार्म के माध्यम से भी कोडिंग सीख रहे हैं।

AI Code Generation : पैरेंट्स का भी कोडिंग पर बढ़ा फोकस, बचपन से ही शुरुआत से ऐप-सॉटवेयर बना सकेंगे

नई शिक्षा नीति के अनुसार अब क्लास 6 से छात्र कोडिंग सीख सीख सकते हैं। बस आपके पास टेक्निकल नॉलेज व रचनात्मक तर्क शक्ति होनी चाहिए। आप अपनी खुद की वेबसाइट, ऐप और वीडियो गेम बनाने के साथ दूसरे के लिए भी ये काम कर सकते है, और उससे पैसा कमा सकते हैं।
AI Code Generation

AI Code Generation : ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म

कोडिंग सीखने के लिए आपको कम से कम एक प्रोग्रामिंग या स्क्रिप्ट लैंग्वेज सीखना होता है। कई सारे ऑनलाइन प्लेटफार्म हैं, जहां से आप नि:शुल्क ये सब सीख सकते हैं। कोडिंग मूल रूप से कंप्यूटर की भाषा है जिसका उपयोग ऐप्स, वेबसाइट और सॉटवेयर विकसित करने के लिए किया जाता है।

AI Code Generation : सीखनी होती है प्रोग्रामिंग या स्क्रिप्ट लैंग्वेज

कोडिंग सीखने के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। ऑनलाइन कोडिंग सीखने के लिए कई वेबसाइट हैं, जिनसे आप कोडिंग सीख सकते हैं। कुछ वेबसाइट नि: शुल्क कोडिंग और प्रोग्रामिंग सिखाती हैं। वहीं कुछ वेबसाइट से कोडिंग सीखने के लिए शुल्क का भुगतान करना होता है। वहीं ऑफलाइन कोडिंग कोचिंग क्लास जाकर सीखी जा सकती है।
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AI Code Generation : कोडिंग लॉजिकल थिंकिंग आती है काम

एक बार कोडिंग करना अच्छी तरह से आ जाने पर एक कोडर/कंप्यूटर प्रोग्रामर के पास जॉब के सुनहरे अवसर मौजूद होते है। इसकी सहायता से वेबसाइट, एप और वीडियो गेम बना सकते हैं। कोडिंग के लिए लॉजिकल थिंकिंग की आवश्यकता होती है। कप्यूटर में स्टेप बाई स्टेप कमांड को फीड करना होता है।

AI Code Generation : 4 माह में प्रोजेक्ट बनाने की स्थिति

स्टार्टअप व एआइ दोनों क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए कोडिंग सीखना आवश्यक है। अब स्कूली छात्र भी कोडिंग सीख रहे हैं। कप्यूटर लैंग्वेज सीखने के बाद एप, वेबसाइट, गेम विकसित करने की स्थिति पर पहुंचने में 8-10 माह लगते हैं। 4 माह का कोर्स कर बच्चे छोटे प्रोजेक्ट बनाने की स्थिति में आ जाते हैं।
  • निशांत खरे, कोडिंग ट्रेनर

AI Code Generation : पहचान बनाने में सफल

शहर में कोडिंग की ओर ब‘चों व युवाओं का रुझान बढऩे के अच्छे रिजल्ट सामने आ रहे हैं, यही कारण है की इनोवेटिव आइडिया को लेकर काम करने वाले नगर के कई स्टार्टअप देश-दुनिया में पहचान बनाने में सफल रहे हैं।

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