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मप्र के इस जिले में कृषि बदहाल, गांव में जाते ही नहीं विभागीय अधिकारी, खाली पड़े खेत

अनूपपुर. कमिश्नर शहडोल संभाग बीएस जामोद की अध्यक्षता में जिले में कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं मत्स्यपालन विभाग के मैदानी अधिकारियों, कर्मचारियों का संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मैदानी अमले की लापरवाही की बात सामने आई। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए मैदानी स्तर पर कार्य होने पर ही वेतन आहरण किए जाने […]

अनूपपुरMay 30, 2024 / 12:16 pm

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. कमिश्नर शहडोल संभाग बीएस जामोद की अध्यक्षता में जिले में कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं मत्स्यपालन विभाग के मैदानी अधिकारियों, कर्मचारियों का संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मैदानी अमले की लापरवाही की बात सामने आई। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए मैदानी स्तर पर कार्य होने पर ही वेतन आहरण किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निर्देश दिए हैं कि सीईओ जिला पंचायत के अनुमोदन के बाद ही विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन आहरित किए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यशाला में कलेक्टर आशीष वशिष्ट ने कहा कि जिले में कृषि क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं किन्तु रबी सीजन में अधीकांश खेत खाली पड़े हैं। कृषि विभाग के अधिकारियेां और कर्मचारियों द्वारा प्रयास ही नहीं किए गए। कृषि विभाग और इससे जुड़े अन्य विभागों के अधिकारी गांवों में नहीं जा रहे हैं इनका किसानों से सम्पर्क नहीं है। इनकी मानीटरिंग बहुत खराब है और आपस में समन्वय भी नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि अनूपपुर जिले में कृषि विभाग उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के लिए अब इनका वेतन आहरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के अनुमोदन के उपरांत ही किया जायेगा। अधिकारी, कर्मचारी गावों में जाएं किसानों का मार्गदर्शन करें, तभी वेतन का आहरण किया जाएगा। कार्यशाला को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर तन्मय वशिष्ट शर्मा ने भी संबोधित किया।
वॉट्सएप ग्रुप बनाएं व अधिकारियों को जोड़ें

कमिश्नर ने कहा है कि शहडोल संभाग में कोदो कुटकी की खेती की जाती है। कोदो कुटकी उत्पादक किसानों का मार्गदर्शन कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी, कर्मचारी करें तथा कोदो कुटकी की खेती करने वाले कृषकों को उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्यपालन विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी कर्मचारी संयुक्त रूप से एक वाट्सअप ग्रुप तैयार करें इस वाट्सअप गु्रप में कमिश्नर, कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को भी शामिल करें और इस वाट्सअप ग्रुप में कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी मत्स्यपालन की होने वाली गतिविधियों को शेयर करें। कार्यशाला में संयुक्त संचालक कृषि शहडोल संभाग जेएस पेन्द्राम, संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्यपालन विभाग, सहकारिता विभाग, पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
तालाब होने के बाद भी नहीं किया जा रहा मत्स्य पालन

कमिश्नर बीएस जामोद ने कहा कि कृषकों के विकास से जुड़े कृषि विभाग एवं इसके सहयोगी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी गावों में जाकर किसानों से जीवन्त सम्पर्क स्थापित करेें। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, पशुपालन, उद्यानिकी की फसलों की खेती, मत्स्यपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन जैसी अतिरिक्त आय अर्जित करने वाली गतिविधियों से जोड़ें और किसानों का मार्गदर्शन भी करें। संभाग में बड़ी संख्या में तालाबों का निर्माण किया गया है। तालाबों में मत्स्यपालन की गतिविधियां नहीं की जा रही है यह अत्यंत ही खेदजनक है। संभाग के सभी तालाबों में मत्स्यपालन का कार्य होना चाहिए। किसानों को सहजता से मत्स्य बीज उपलब्ध होना चाहिए।

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