इसके तहत उन सभी बच्चों को इसका लाभ मिलेगा, जिनका पूर्व में सरकार की ओर से कॉक्लियर इंप्लांट निशुल्क किया गया था। किसी कारणवश कॉक्लियर इंप्लांट प्रोसेसर क्षतिग्रस्त हो गया है। बच्चों में कॉक्लियर इंप्लांट की सर्जरी निशुल्क की जाती है। अब तक ऐसा नियम था कि कॉक्लियर इंप्लांट प्रोसेसर बदलने की बारी आती थी तो लागत का 10 फीसदी बच्चों के परिजनों को भुगतान करना होता है। अब उन्हें यह राशि भी नहीं देनी होगी।
700 बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट प्रोसेसर बदलने की स्थिति
राज्य सरकार की ओर से इस वर्ष 700 बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट प्रोसेसर बदले जाएंगे, इसके पीछे लगभग 35 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। प्रति प्रोसेसर की बदलने की कीमत पांच लाख के करीब है।
अब तक 3163 बच्चों के किए जा चुके हैं कॉक्लियर इंप्लांट
राज्य सरकार की ओर से अब तक 3163 बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट निशुल्क किए जा चुके हैं। प्रति इंप्लांट सर्जरी के पीछे सरकार लगभग सात लाख रुपए वहन करती है। कुल कॉक्लियर इंप्लांट के पीछे सरकार ने अब तक 221 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। हालांकि परिजनों के लिए यह निशुल्क है। जन्म से मूकबधिर (सुनने व बोलने में असमर्थ) बच्चों में कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी की जाती है, इससे उन्हें सुनाई देने लगता है, जिसके चलते बाद में वह समझने और बोलने भी लगते हैं।