गौरतलब है कि जिला एसोसिएशन व ऑल इंडिया बस एसोसिएशन के बीच ऑल इंडिया पर्यटक परमिट पर हैदराबाद तक चलने वाली बसों को लेकर विवाद चल रहा था। इसको लेकर जिला एसोसिएशन ने सप्ताहभर पूर्व आपत्ति दर्ज कराते हुए आरटीओ सहित आलाधिकारियों को पत्र सौंपकर कार्रवाई किए जाने की मांग किया था।
आरोप है कि बीते शनिवार को उक्त एसोसिएशन के लोगों ने जिला एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बसों को रजेगांव में रोक लिया और चालक/परिचालक से अभद्रता किया। बस के ओवरलोड होने का आरोप लगाते हुए वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इसकी जानकारी होने पर रविवार को जिला एसोसिएशन के पदाधिकारी आक्रोशित हो गए। पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कोतवाली थाने में पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ नामजद शिकायत किया। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए रविवार की शाम को बसों को बंद कर दिया। बसों के बंद होने से देर रात से सोमवार की शाम तक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला व पुलिस प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद अध्यक्ष चौहान व सचिव कौशल ने हड़ताल खत्म किए जाने की घोषणा की। साथ ही बस सड़क पर उतरी और फर्राटा भरते हुए अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।
आटो से देर रात तक यात्रियों ने किया सफर
जिले के अलग-अलग स्थानों के लिए यात्री जब रात को बालाघाट पहुंचे तो उनको बसों के बंद होने की जानकारी हुई। देर रात तक यात्री परेशान होते नजर आए। इस दौरान आटो से अधिक किराया देकर यात्रियों ने अपने गंतव्य तक का सफर किया। एक आटो वाले ने बताया कि वारासिवनी तक 600 रुपए, लालबर्रा तक 900 रुपए व सिवनी तक यात्रियों को दो हजार रुपए में छोड़ रहे हैं। आटो में जितने यात्री आराम से बैठ सकते हैं उनको बैठाया जाता है। सभी यात्री आपस में किराया बराबर-बराबर देते हैं।