3900 खंभों पर लाइटें ही नहीं नगर निगम क्षेत्र में 3900 विद्युत पोल ऐसे हैं, जिन पर सार्वजनिक प्रकाश के लिए एलइडी लाइट ही नहीं है। निगम की विद्युत शाखा की जानकारी अनुसार इनमें 1250 विद्युत पोल नगर निगम अधिकार क्षेत्र में और 2700 विद्युत पोल नगर विकास न्यास के अधिकार क्षेत्र में हैं।
3 हजार लाइटें अपर्याप्त शहर के लगातार हो रहे विस्तार तथा गत वर्षों में हुए सर्वे को ही आधार माना जाए, तो निगम की ओर से खरीदी जा रही 3 हजार एलइडी लाइटें पर्याप्त नहीं होंगी। नई खरीदी जा रही 3 हजार लाइटें निगम पार्षदों की डिमाण्ड को भी पूरा करती नजर नहीं आ रही हैं। ऐसे में नई बसी कॉलोनियों, ब्लैंक विद्युत पोल पर भी इस खरीद में से लाइटें लगाना निगम के लिए सिरदर्द बन सकता है।
नया सर्वे नहीं सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के तहत नई लाइटें लगाने को लेकर निगम के पास नया सर्वे नहीं है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2021-22 में सर्वे हुआ था, उसके बाद नहीं। नया सर्वे नहीं होने से निगम के पास यह जानकारी नहीं है कि कहां, कितनी लाइटें लगने की जरूरत है। निगम अधिकारी तीन हजार लाइटों के जल्द मिलने की बात जरुर कह रहे हैं, लेकिन इन लाइटों के वितरण की कार्य योजना क्या होगी, इस पर कुछ बोलने से बच रहे हैं।
लंबी चलीनिविदा प्रक्रिया निगम में 3 हजार एलइडी लाइटें खरीदने की निविदा प्रक्रिया लंबी चली। अगस्त 2023 में प्रारंभ हुई प्रक्रिया मार्च 2024 तक चली। निगम के विद्युत अनुभाग की जानकारी अनुसार नइ एलइडी लाइटों की खरीद के लिए 14 अगस्त 2023 को निविदा जारी की गई। 9 सितंबर को निविदा खोली गई। तकनीकी बिड 15 सितंबर व फाइनेंशियल बिड 26 सितंबर को खोली गई। अक्टूबर से फरवरी 2024 तक पत्रावली जयपुर, अजमेर और निगम में घूमती रही। 4 मार्च को एग्रीमेंट हुआ व 8 मार्च को वर्क ऑर्डर जारी किया गया। वर्क ऑर्डर के साढ़े तीन महीने बाद भी लाइटें निगम को नहीं मिल पाई है।
एक सप्ताह में होगी लाइटों की सप्लाई नगर निगम के विद्युत अनुभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कनवाड़िया के अनुसार निगम की ओर से तीन हजार एलइडी लाइटों की खरीद की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा चुका है। एक सप्ताह में ये लाइटें निगम को मिलने की संभावना है। डेढ़ करोड़ रुपए की लागत इस पर आई है। इसमें संवेदक फर्म की ओर से इन लाइटों की तीन साल तक मेंटिनेंस भी की जाएगी।