क्षेत्राधिकार ने फिर उलझाया, अब आशाओं पर टिकी आस
घटनास्थल का एरिया ग्रामीण क्षेत्र में हैं। महिला सुपरवाइजर सुनीता स्वामी ने बताया कि उनके एरिया के आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रसुताओं को मिलने वाले पोषाहार की रिपोर्ट के आधार पर जांच की गई है लेकिन एक डिलीवरी हुई, वह भी जिला चिकित्सालय में है। इसके अलावा कोई महिला ऐसी नहीं पाई गई है जिसकी डिलीवरी होने वाली हो। घटना स्थल के पास अग्रसेननगर एरिया है, यह शहरी क्षेत्र में आता है। इधर, बाल परियोजना विकास अधिकारी अनिल कामरा का कहना है कि आशा सहयोगिनी डोर टू डोर सर्वे करती हैं, उनके पास ऐसी जानकारी हो सकती है, लेकिन ये आशा सहयोगिनी अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन हैं। उधर, सीएमएचओ डा. अजय सिंगला ने बताया कि बच्ची की मां के बारे में पूरे इलाके से फीडबैक मांगा गया है, आशा सहयोगिनों के अलावा एएनएम और चिकित्सकों से बच्ची की मां के बारे में प़ड़ताल की जा रही है।
हमें दिलवा दो बच्ची
जिस मां इस बच्ची को जन्म देकर ठुकराया हो लेकिन उसे अपनाने वालों की कमी नहीं है। पत्रिका कार्यालय में महिलाओं ने फोन कर बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जाना। एक महिला ने तो यहां तक कहा कि मासूम की फोटो देखकर उसका दिल पसीज गया और उसे बेटी बनाने का मन कर रहा है। बाल कल्याण समिति की टीम जब घटना स्थल के आसपास बसी कॉलोनियों का जायजा ले रही थी तब कई महिलाओं का कहना था कि जैसे ही पत्रिका में बच्ची के बारे में पूरी खबर पढ़ी तो आंसू निकलने लगे। सबकी जुबां पर यही सवाल था कि आखिर इस बच्ची का कसूर क्या है। इधर, चिकित्सालय कैम्पस में नर्सिंग स्टाफ ने भी बच्ची के स्वस्थ होने की कामना की।