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जेल में फेंकने आए आपत्तिजनक सामग्री का बंडल, पुलिस को मिली खबर तो किया विफल

जेल प्रशासन ने आपत्तिजनक सामग्री के बंडल जब्त कर एक जने के खिलाफ दर्ज किया मामला, जेल में मोबाइल फोन, पिस्तौल तक फेंकने की घटनाएं पहले भी आ चुकी सामने, ऑन रेकॉर्ड और ऑफ रेकॉर्ड बंडल की सामग्री में काफी अंतर

हनुमानगढ़Jul 07, 2024 / 09:41 pm

adrish khan

Hanumangarh jail administration seized bundles of objectionable material and registered a case against one person

हनुमानगढ़. जिला कारागृह में दीवार के ऊपर आपत्तिजनक सामग्री फेंक कर बंदियों तक पहुंचाने की वारदात को पुलिस ने विफल कर दिया। जेल प्रशासन ने आपत्तिजनक सामग्री के बंडल जब्त कर लिए और एक जने को दस्तयाब कर लिया। पुलिस ने पूछताछ कर उसकी पहचान की। इस संबंध में जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर उसके खिलाफ जंक्शन थाने में मामला दर्ज किया गया। आरोपी गुरमीत सिंह पुत्र सतपालसिंह बावरी निवासी नई खुंजा को पुलिस ने देर शाम गिरफ्तार कर लिया।
खास बात यह कि जिला पुलिस को मुखबिर से पहले ही सूचना मिल चुकी थी कि कुछ लोग आपत्तिजनक सामग्री के बंडल जेल में फेंकने वाले हैं। हालांकि प्रारंभ में जेल प्रशासन इससे बेखबर ही रहा। बंडल फेंके जाने के बाद जंक्शन थाना पुलिस की सूचना पर जेल प्रशासन को सारे मामले की जानकारी हुई तथा जेल से बंडल जब्त किए गए। हालांकि बंडल में जो सामग्री थी, उसको लेकर भी संदेह की स्थिति सामने आ रही है। ऑन रेकॉर्ड और ऑफ रेकॉर्ड बंडल की सामग्री में काफी अंतर है।

किसने मंगवाई, कर रहे पड़ताल

जिला कारागृह के प्रहरी बजरंगलाल ने जंक्शन पुलिस को बताया कि गुरमीत सिंह पुत्र सतपालसिंह बावरी निवासी नई खुंजा के कब्जे से शनिवार शाम को छह पैकेट तम्बाकू, एक पैकेट पान मसाला, एक पैकेट खैनी, आठ पैकेट चूना, तीन पैकेट बीड़ी आदि बरामद किए गए। आरोपी उक्त सामग्री के बंडल जेल में फेंक कर बंदियों तक पहुंचाना चाहता था। पुलिस पड़ताल में जुटी हुई है कि आरोपी किन बंदियों तक यह सामग्री पहुंचाना चाहता था।

सामग्री को लेकर संदेह

जिला कारागृह में जिस सामग्री के बंडल फेंके जाने थे, उसमें नशीली दवा वगैरह होने की सूचना भी पुलिस के आला अफसरों तक थी। मगर जेल प्रशासन ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें ऐसा कुछ भी मिलना नहीं बताया गया है। ऐसे में बंडल से मिली सामग्री को लेकर स्थिति संदेहास्पद हो गई है तथा कई सवाल खड़े हो गए हैं।

सुरक्षा की निरंतर अनदेखी

जिला जेल की बाहरी दीवार इतनी नीची हो गई है कि कोई भी आसानी के साथ बाहर से भीतर कुछ भी फेंक सकता है। इसके बावजूद जिला कारागृह की दीवार की ऊंचाई बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालांकि दीवार की ऊंचाई बढ़ाने को अत्यंत जरूरी मानते हुए स्थानीय जेल प्रशासन कई बार मुख्यालय को प्रस्ताव बनाकर भेज चुका है। मगर दीवार निर्माण व उस पर जालियां लगाने के लिए आज तक बजट मंजूर नहीं किया गया है। जिला कारागृह से दो व्यस्त सडक़ें लगती हैं। फोरलेन के अलावा हाउसिंग बोर्ड की तरफ से सडक़ काफी ऊंची हो चुकी है। इस कारण जेल की चारदीवारी की ऊंचाई बहुत कम रह गई है। यह सडक़ें जेल की चारदीवारी के बहुत नजदीक हैं। कारागृह निर्माण के वक्त जेल परिसर की प्रथम चारदीवारी करीब आठ फीट थी। फोरलेन निर्माण के बाद सडक़ की ऊंचाई बढऩे पर जेल की चारदीवारी तीन-चार फीट नीची हो गई।

शतक के करीब

जेल के भीतर सामान फेंकने की घटनाओं से इतर बात करें तो पिछले चार वर्ष में कई अधिकारी व कर्मचारी निलम्बित हो चुके हैं। हालांकि इसकी वजह ऑन रेकॉर्ड तो अनुशासनात्मक कार्रवाई व लापरवाही ही बताई गई। पिस्तौल, नशीला पदार्थ, जर्दा, बीड़ी वगैरह फेंकने के कई मामले पूर्व में पकड़ में भी आ चुके हैं। गत पांच-छह साल के दौरान जेल से अलग-अलग घटनाओं में 100 के करीब मोबाइल फोन जब्त किए जा चुके हैं।

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