चेन्नई. नई प्रौद्योगिकी किस तरह सामाजिक परिवर्तन का हेतु बन सकती है कि उसका उदाहरण है आइआइटी मद्रास की स्टार्ट अप कंपनी ‘निओमोशन’ की व्हीलचयेर वाली मोटर बाइक। दिव्यांगों के उपयोग के अनुकूल कंपनी के निओफ्लाई और निओबोल्ट उनमें एक नया विश्वास पैदा कर रहे हैं। निओबोल्ट इलेक्टि्रक बाइक को संभवत: आपने जोमैटो के डिलिवरी बॉय सैयद शहजाद को चलाते देखा होगा जो कि दिव्यांग हैं और जिनका वीडियो कुछ महीने पहले वायरल हुआ था। निओमोशन की व्हीलचेयर मोटरबाइक के हजारों यूजर्स हैं जो इसके वरदान होने की गवाही दे रहे हैं।
निओमोशन अब विकलांग लोगों के जीवन को बदलने के मिशन पर है। इस मिशन के बारे में कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वोस्तिक दाश ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि यह बाइक तैयार करने से पहले हमने 2016-17 में देशभर में 200 से अधिक जगहों की यात्राएं कीं और दिव्यांगों से मिले। उनसे हुई वार्ता में पता चला कि कई लोगों की दिव्यांगता की वजह रीढ़ की हड्डी में आई चोट थी जिसकी वजह से वे घरों से बाहर नहीं निकल पाने और किसी भी तरह के रोजगार के लिए भी असमर्थ थे। इस समस्या के निदान के रूप में हमने कस्टमाइज्ड व्हीलचेयर और बाइक प्लान की जिससे उनको रोजगार भी मिल सके और 2020 में इसे लांच किया। इस खोज में उनकी टीम को टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट की लीडर प्रोफेसर डॉ. सुजाता श्रीनिवासन का भी मार्गदर्शन मिला और उन्होंने निओमोशन स्टार्ट अप की शुरुआत हुई।
5200 से अधिक यूजर्स
कंपनी के निओफ्लाई और निओबोल्ट के फिलहाल 5200 से भी अधिक यूजर्स हैं। निओफ्लाई व्हीलचेयर हैं और निओबोल्ट बाइक। निओबोल्ट का उपयोग निओफ्लाई के साथ ही हैं जो जिसमें व्हीलचेयर जुड़ जाती हैं और दिव्यांगों को दूर की यात्रा करने में कोई दिक्कत नहीं पेश आती। स्वोस्तिक दाश बताते हैं कि प्रत्येक कस्टमर की पीठ के आकार व प्रकार के अनुरूप व्हीलचेयर को डिजाइन किया जाता है। इसमें व्यक्ति विशेष के टच पॉइंट को पूरी तरह कवर किया जाता है। यह कुछ उस तरह ही है कि हर व्यक्ति के चश्मे का नम्बर का अलग होता है, तो उसी तरह व्हीलचेयर भी अलग ही होगी। उनका कारखाना चेन्नई के माधवरम में है।
रोजगार का प्लेटफार्म सीईओ के अनुसार कंपनी ने जोमैटो, अमेजॉन आदि से टाई अप भी कर रखा है। कंपनी की ओर से डिलिवरी बॉय के रूप में रखने के लिए उनके कस्टमर्स की सिफारिश भी की जाती है। इस सिफारिश से उनकी नौकरी लग जाती है। इसके अलावा उनकी बाइक का निजी उपयोग भी हो रहा है, मसलन दूध और अखबार की डिलिवरी करने में दिव्यांग इसका उपयोग कर रहे हैं। फिलहाल मार्केट में निओफ्लाई तीस प्रतिशत तो शेष 70 प्रतिशत निओबोल्ट है। भारत के अन्य अलावा मिडिल ईस्ट में उत्पाद की मार्केटिंग पर काम किया जाएगा।