स्कूल खोलकर शिक्षक पदस्थ करना भूला विभाग
सरकार ने शिक्षा के लोक व्यापीकरण के तहत और हर बच्चे को शिक्षा दिलाने के लिए हर गांव में स्कूल तो खोल दिए, लेकिन इनमें बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक पदस्थ करना शायद विभाग भूल चुका है। तभी तो बदरवास विकासखंड में 21 स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षकविहीन होकर शिक्षकों के पदस्थी का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही 59 विद्यालय ऐसे भी हैं जहां पदस्थ एकमात्र शिक्षक भी अन्य शिक्षकों के पदस्थ होने की प्रतीक्षा कर रहा है।शिक्षक ही नहीं तो कैसे पढ़ते होंगे नौनिहाल
गांव में स्कूल बिङ्क्षल्डग तो है और पढऩे के लिए बच्चे भी हैंं, लेकिन शिक्षा की मुख्य धुरी शिक्षक नहीं है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे बिना शिक्षक के कैसे पढ़ेंगे और े। बिना शिक्षकों के ये विद्यालय कागजों में कैसे चल रहे हैं?, और कैसे इनकी व्यवस्थाएं चल रही हैं, ये विषय अपने आप में हास्यापद होकर ङ्क्षचतनीय है। शासन की लापरवाही का खामियाजा इन नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है। ये बच्चे पढऩा तो चाहते हैं, लेकिन इन्हें पढ़ाना वाला कोई नहीं है।बदरवास ब्लॉक में यह हैं शिक्षकविहीन स्कूल
हाईस्कूल बामोरखुर्द, हाईस्कूल दीवान की बामोर के अलावा मिडिल स्कूलों में ङ्क्षगदौरा, बिनेका, कुसुअन, अलावदी, मेघोनाबड़ा, धंदेरा, सूखाराजापुर, मझारी, सड़बूड, कुंढाई, कनेरा छपरा, वाहंगा, बेरखेड़ी, ईसरी, अगरा व चंदोरिया शामिल हैं। शिक्षकविहीन प्राथमिक विद्यालय में मेघोनाडांग, छपरा दुक्कड़, रामपुरा हैं।बदरवास ब्लॉक के एक शिक्षकीय विद्यालय
बदरवास में एक शिक्षकीय विद्यालयों में शासकीय हाईस्कूल अकोदा के अलावा मिडिल स्कूल रिन्हाय, बरोदिया, सुनाज, इचोनिया, चक मोहम्मदपुर, खरीला, कन्या रन्नौद, ढेकुआ, देहरदा गणेश, टामकी, लालपुर, पगारा, मैघोना डांग, माढ़ागणेश, खाईखेड़ा, रिजोदी, झूलना व सालोन मावि हैं। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय छापी, ओडेरा, बहगमा, सांटे का पुरा, भागरिया पुरा, कंचनपुरा, खरीला, गिलटोरा, इचोनियां, कमलपुर, सरदारों का चक खरीला, सहराना इचोनियाँ, रामपुरा इचोनिया, नेगमा, जरिया, भरतपुर, लगदा, खासखेड़ा, खोराना, जनकपुर, हरिजन मोहल्ला बामोरकला, हरिजन चक ठाटी, बनारसपुरा अटारई, ढोडिय़ा, पगारा, ऊमरी, रावगढ़ बामोर, दौलतपुर, छपरा आदिवासी, भासोड़ा, सेमरी खुर्द, मछरआऊ, आमखेड़ा, दुहाई, रेंझा डांग, चंदोरिया टपरा, नैनागिर चकवार, नैनागिर, पिपरिया खेड़ा, बाहंगा में एकमात्र शिक्षक ही स्कूल का संचालन कर रहा है।शिक्षकों की पूर्ति के लिए लिखा है पत्र
ऐसे स्कूल को चिह्नित किया गया है तथा उक्त स्कूलों के नजदीकी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी है कि वे शिक्षकविहीन स्कूलों की व्यवस्थाएं देखें। शीघ्र ही शासन से उक्त स्कूलों पर शिक्षकों की पूर्ति के लिए पत्र विभाग के द्वारा लिखा गया है।एके रोहित, संकुल केंद्र प्रभारी
विकासखंड शिक्षा अधिकारी बदरवास