गडकरी ने यह बातें बुधवार को ग्रेटर नोएडा के भारत एक्सपो सेंटर में भारतीय निर्माण, खनन और अवसंरचना क्षेत्र के बौमा कोनेक्सपो इंडिया 2024 के उद्घाटन समारोह में कही। इस अवसर पर उद्योग जगत के शीर्ष नेताओं, नीति निर्माताओं और वैश्विक प्रतिनिधियों की उपस्थित रहे। गडकरी ने कहा कि हमारी सरकार 22 लाख करोड़ के जीवाश्म ईंधन आयात बिल को घटाने के लिए वैकल्पिक ईंधन जैसे एथेनॉल, बायोडीजल, एलएनजी, सीएनजी, हाइड्रोजन और मेथनॉल को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे प्रदूषण कम होगा और हम 2070 तक कार्बन तटस्थता हासिल करेंगे। साथ ही भारत का निर्माण उपकरण बाजार वार्षिक रूप से 1.35 लाख इकाइयां उत्पादित करता है। 2030 तक इसे 2.5 लाख इकाइयों तक पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में 6,700 करोड़ का निर्यात और 32,000 करोड़ के निवेश से भविष्य में और अधिक विकास की उम्मीद है। भारत की उच्च गुणवत्ता और किफायती मशीनरी को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अब अमेरिका जैसे उन्नत बाजारों में भी मेड इन इंडिया उपकरण पसंद कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे राजमार्ग विकास परियोजनाएं भारत के परिवहन नेटवर्क को नया रूप दे रही हैं। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और कश्मीर-कोंकण एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं यात्रा समय को कम कर रही हैं और लॉजिस्टिक्स की दक्षता बढ़ा रही हैं। 2025 तक हम भारत के लॉजिस्टिक्स लागत को 14-16 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखते हैं। बौमा कोनेक्सपो इंडिया 2024 में 1,000 से अधिक प्रदर्शकों, 20,000 से अधिक उत्पादों और लाइव मशीनरी डेमो की झलक दिखाई जा रही है। यह प्रदर्शनी 14 दिसम्बर तक चलेगा।
इस अवसर पर बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन के निदेशक नरेंद्र कुमार कर्दम, सैन्य अभियंता सेवा के संयुक्त महानिदेशक मनोज बापना, बौमा कोनेक्सपो इंडिया 2024 और वोल्वो सीई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष दिमित्रोव कृष्णन, मेस्से म्यूनचेन इंडिया के सीईओ भूपिंदर सिंह, सीईओ, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के. विश्वनाथन, ंस्ट्रक्शन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के एमडी व सीईओ विनायक पई, बौमा कोनेक्सपो इंडिया के पूर्व अध्यक्ष अरविंद गर्ग, इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. अर्नोल्ड डिक्स मौजूद रहे।