प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी को भारत रत्न की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा करते हुए देश के विकास में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें दौर के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी संसदीय यात्रा अनुकरणीय और समृद्ध नज़रिए से भरी रही है।
राजनीति को दोनों छोर साधने की कोशिश
यह संयोग ही है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय के चेहरे कर्पूरी ठाकुर के नाम की घोषणा के 10 दिन बाद ही राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार रहकर देश में हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने वाले आडवाणी को भी भारत रत्न देने का निर्णय सरकार ने किया। इस निर्णय को राजनीति के दोनों छोर यानी मंडल और कमंडल को एक साथ साधने की भाजपा की रणनीति बताई जा रही है। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा हुई थी। प्रधानमंत्री की सिफारिश पर यह सर्वोच्च सम्मान राष्ट्रपति प्रदान करते हैं।
मोदी सरकार में 7 लोगों को मिल चुका सर्वोच्च सम्मान
– मदन मोहन मालवीय
– अटल बिहारी वाजपेयी
– प्रणब मुखर्जी
– भूपेन हजारिका
– नानाजी देशमुख
– कर्पूरी ठाकुरलालकृष्ण आडवाणी
मैं पूरी विनम्रता और कृतज्ञता के साथ भारत रत्न स्वीकार करता हूं। यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान की बात है, अपितु उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है, जिनकी मैंने पूरी क्षमता से जीवन पर्यंन्त सेवा करने का प्रयत्न किया। मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।
– लालकृष्ण आडवाणी