इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के गोलन पहाड़ी पर कब्जा बढ़ाने को समझौतों का उल्लंघन करार दिया। यूएन महासचिव एंटोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने कहा कि इजरायली सेनाएं जो कि पहले ही गोलन पहाडिय़ों पर कब्जा कर चुकी हैं, वह बफर जोन में भी आगे बढ़ रही है। यह 1974 में इस्राइल-सीरिया के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन है।
13 साल चले गृहयुद्ध के बाद सीरिया में बशर अल असद शासन का अंत हो गया। रिपोर्टों में सामने आया है कि सुन्नी बहुल देश में यह घटना अचानक नहीं हुई। इसे लेकर लंबे समय से विद्रोही गुटों की तैयारी चल रही थी। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तो इसके बारे में दो माह पहले ही संकेत दे दिया था, जब 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में उन्होंने संबोधन के दौरान दो नक्शे दिखाए थे। एक को आशीर्वाद और दूसरे नक्शे में दिखाए देशों को शाप बताया था। इन देशों में इराक, ईरान और लेबनान के अलावा सीरिया भी था। खास बात ये है कि सीरिया के नक्शे को काले रंग से दर्शाया गया था।