जलशक्ति मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत-नेपाल सीमा के हिमालय क्षेत्र में बहने वाली शारदा नदी को यमुना नदी से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार ने नदी जोड़ो योजना में यमुना से जोड़ने के लिए शारदा नदी को चिन्हित किया है। योजना के मुताबिक, आगामी 15 से 20 वर्षों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और गुजरात की जनता को पेयजल मिलेगा और जमीन भी सिंचित होगी।
भारत की ओर से नेपाल में पंचेश्वर नदी पर बांध परियोजना पूर्ण होने पर अगले चरण में इस योजना पर चर्चा की जाएगी। नदियों को जोड़ने की परियोजना की लंबाई 1835 किलोमीटर के करीब है। नदियों जोड़कर हिमालय की नदियों के व्यर्थ बहने वाले पानी को जरूरतमंद प्रदेशों की ओर मोड़ने का प्रयास किया जाएगा। शारदा-यमुना-राजस्थान-साबरमती लिंक परियोजना से नेपाल को काफी बिजली मिलेगी। शारदा के अलावा घाघरा नदी को भी यमुना से जोड़ने के लिए चिन्हित किया गया है। नदियों को जोड़ने की योजना 1980 में तैयार की गई थी।
इस योजना के तहत नेपाल में शारदा नदी पर 5 जलाशय बनाकर ज्यादा पानी उत्तराखंड से यमुना नदी में लाया जाएगा। इसके बाद नहर के जरिए पानी को राजस्थान की सुकड़ी नदी तक पहुंचाया जाएगा। सुकड़ी नदी के पानी को साबरमती नदी से जोड़ा जाएगा। सुकड़ी का उद्गम स्थल पाली जिले की पहाड़ियों में है, यह पाली, जालौर से बाड़मेर जिले के समदड़ी में लूनी नदी में मिलती है।
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