नई दिल्ली

कंबोडिया के ताप्रोह्म मंदिर में ‘हॉल ऑफ डांसर्स’ का उद्घाटन करेंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ यहां मरम्मत किए गए ताप्रोह्म मंदिर में ‘हॉल ऑफ डांसर्स’ का उद्घाटन करेंगे। ताप्रोह्म मंदिर भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। धनखड़ कंबोडिया में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर बैठक के सिलसिले में नामपेन्ह पहुंचे हैं।

नई दिल्लीNov 12, 2022 / 12:06 pm

Archana Keshri

Vice President of India Jagdeep Dhankhar to inaugurate restored ‘Hall of Dancers’ at Prohm temple in Cambodia

शुक्रवार को कंबोडिया पहुंचे भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सिएम रीप के सांस्कृतिक और पर्यटन प्रांत से सटे अंगकोर हेरिटेज पार्क के अंदर स्थित प्रसिद्ध ताप्रोह्म मंदिर में हाल ही में बहाल किए गए ‘हॉल ऑफ डांसर्स’ का उद्घाटन करने वाले हैं। धनखड़ कंबोडिया में आयोजित आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर बैठक के सिलसिले में शुक्रवार को तीन दिन की यात्रा पर पहुंचे हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 13 नवंबर को मंदिर के उस हिस्से का उद्घाटन करेंगे, जिसका भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मरम्मत पूरा कर लिया है।
 


एंजेलीना जोली अभिनीत 2001 की फिल्म ‘टॉम्ब रेडर’ से प्रसिद्ध, ताप्रोह्म के विशाल और शांत बौद्ध मठ में बहाली का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा हाल ही में पूरा किया गया है। भगवान ब्रह्मा को समर्पित, ताप्रोह्म मंदिर देश के उत्तरी भाग में अंगकोर पुरातत्व पार्क के अंदर स्थित है। कंबोडिया-भारत सहयोग परियोजना के तहत वर्ष 2011 में मंदिर के अंदर ‘डांसर्स के हॉल’ का मरम्मत कार्य शुरू हुआ।
 


ता प्रोहम मंदिर के मरम्मत में जुटे ASI के डी एस सूद ने बताया, “इसके शुरू होने के बाद भारत, यूरोप और अन्य देशों से पर्यटक बढ़ेंगे। उन्हें इस बात की झलक मिलेगी कि भारत किस तरह से बहाली की प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है और कैसे वह प्राचीन संरचनाओं का मरम्मत कर रहा है।”
 


भारत लंबे समय से कंबोडिया में मंदिरों के मरम्मत कार्य से जुड़ा रहा है। 2003 से, ASI मंदिर के मरम्मत कार्य पर स्थानीय कर्मचारियों और श्रमिकों के साथ काम कर रहा है, जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। ASI अंगकोर क्षेत्र के स्थलों और प्रशासन के संरक्षण के लिए प्राधिकरण (APSARA) के साथ सहयोग कर रहा है। वहीं, मरम्मत का तीसरा चरण नवंबर 2016 में शुरू हुआ था।
 


इस मंदिर का निर्माण खमेर राजा जयवर्मन सप्तम द्वारा 12वीं शताब्दी के मध्य और 13वीं शताब्दी के प्रारंभ में किया गया था। शुरुआत में एक बौद्ध मठ के रूप में निर्मित, यह राजा जयवर्मन सप्तम द्वारा अपनी माँ को समर्पित किया गया था। वहीं, भारत ने अब तक बहाली प्रक्रिया पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और साइट पर पांच स्थानों पर काम पूरा हो चुका है, साइट पर तीन और स्थान हैं, जिन्हें UNESCO द्वारा सौंपा गया है।
 


उपराष्ट्रपति अंगकोर वाट मंदिर भी जाएंगे जहां ASI ने 80 के दशक में काम किया था। धनखड़ ने शुक्रवार शाम नोम पेन्ह में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं प्रतिष्ठित परिसर की यात्रा के लिए उत्सुक हूं। इससे पहले, उपराष्ट्रपति ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां भारत की एक कथकली मंडली ने महाभारत के एक हिस्से का प्रदर्शन किया था।

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