रुद्रप्रयाग के सर्किल ऑफिसर प्रमोद कुमार ने बताया, “ऑरेंज अलर्ट और सोमवार सुबह से हो रही बारिश के बाद हमने पैदल यात्रियों को रोक दिया है और उनसे होटल वापस लौने का आग्रह किया है। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे फिलहाल मंदिर न जाएं और सुरक्षित रहें।”
सोमवार को केदारनाथ यात्रा सिर्फ एक घंटे ही चली। धाम पहुंचे श्रद्धालु दिनभर आराध्य के दर्शन करते रहे, लेकिन जिला मुख्यालय से गौरीकुंड तक जगह-जगह हजारों यात्री रोके गए। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को मंदिर नहीं जाने और अपने होटल लौटने की सलाह दी गई है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सुरक्षा बलों को मुस्तैद कर दिया गया है। तो वहीं पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि बारिश के चलते सुरक्षा को ध्यान में रखकर यात्रा को रोका गया। मौसम विभाग के अलर्ट को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जा रहा है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग ने एक ट्वीट में मौसम की भविष्यवाणी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुछ जगहों पर ओलावृष्टि के संकेत हैं। मौसम विभाग ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 23 एवं 24 अप्रैल को कुछ जगहों पर मूसलाधार वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया। इसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में भी कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने के संकेत हैं। बता दें, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही इसी माह चारधाम यात्रा शुरू हुई है। केदारनाथ के कपाट 6 मई को जबकि बद्रीनाथ के कपाट 8 मई को खुले थे। सोमवार को बारिश और मौसम विभाग के पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर 9 बजे के बाद सोनप्रयाग से यात्रियों को केदारनाथ के लिए नहीं जाने दिया गया। साथ ही जो यात्री सुबह 8 बजे तक धाम के लिए छोड़े गए थे, उनकी पूरे रास्ते पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के साथ मॉनीटरिंग की जा रही है।
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