बुजुर्गों को मिले अनुकूल माहौल –
जनसंख्या के आंकड़े बताते हैं, आने वाले वर्ष में प्रतिदिन 17 हजार नागरिक साठ वर्ष की आयु को पार करेंगे। इस तरह दुनिया में वरिष्ठ नागरिकों की सबसे बड़ी आबादी भारत में होगी। हमारे यहां की उम्र से ऊंचा हौसला लिए यह पीढ़ी अब 21 साबित हो सकती है, बशर्ते हम इनके बारे में अभी से सोचना आरंभ करें।
आसपास देखें तो ऐसी अनेक मिसाल मिलेंगी, जो उम्र की सीमाएं तोड़कर हासिल की गई हैं। इनको भी थोड़ा सा सहयोग और अवसर मिले तो यह साबित कर देंगे कि यह किसी से कम नहीं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी वल्र्ड पॉपुलेशन एजिंग रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। देश और समाज अपनी सोच में मामूली सा बदलाव लाकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए भावनात्मक, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा दे सकते हैं। इसके लिए परिवार और खासकर युवा अपना कत्र्तव्य समझें, समाज अपना दायित्व निभाए और सरकार इनके लिए अनुकूल योजनाएं बनाए। इनके लिए न केवल माहौल तैयार हो, बल्कि वो सभी तैयारियां की जाएं, जिससे यह तजुर्बेकर पीढ़ी हमारा सहारा बन जाए। इनको बेसहारा छोडऩे की बजाय इनके अनुभव व संस्कारों को परिवार, समाज-देश के लिए उपयोगी बनाने पर ध्यान देना होगा।
उपलब्धि हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। जज्बे और इच्छाशक्ति के बल पर उम्र के बंधन तोड़ मिसाल कायम करने वालों की सूची लंबी है। इनके संकल्प और समर्पण को आप भी जानें-
वी. नान्नमल , उम्र 98 (कोयंबटूर)
सबसे उम्रदराज योग टीचर –
को यंबटूर की वी. नान्नमल को सबसे उम्रदराज योग टीचर माना गया है। यह 98 साल की उम्र में भी रोजाना योग करतीं। पहले वो अपने घर में कुछ लोगों को ही योग सिखाती थीं, पर एक प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रसिद्धि मिली। अपने पिता से योग सीखने वाली नान्नमल 100 से अधिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं। योग इनके परिवार की विरासत बन चुका है। इस उम्र में भी वे 20 से ज़्यादा आसन आसानी से कर लेती हैं।
भागीरथी, उम्र 105 (कोल्लम, केरल )
105 साल में बनीं विद्यार्थी –
के रल के कोल्लम की भागीरथी ने 105 साल की उम्र में न केवल पढ़ाई की, बल्कि चौथी की परीक्षा राज्य साक्षरता मिशन में दी थी। इस उम्र में परीक्षा देने वाली संभवत: वे दुनिया की पहली महिला हैं। वे जब नौ वर्ष की थीं, तब मां की मौत हो गई। भाई-बहनों की जिम्मेदारी संभालने में तीसरी कक्षा में ही पढ़ाई छूट गई। शादी हुई तो 30 साल की उम्र में पति चल बसे। छह बच्चों की परवरिश करने में पढ़ाई नहीं कर पाईं थीं।
सिवासुब्रमण्यन, उम्र 93 (चेन्नई)
93 साल की उम्र में ली डिग्री –
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के फरवरी 2020 के दीक्षांत समारोह में 93 वर्ष के वृद्ध को डिग्री लेते देख सब हैरान रह गए। सीआई सिवासुब्रमण्यन ने लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री ली। 1940 में स्कूली शिक्षा पूरी कर माता-पिता की सेवा के लिए घर रुके, नौकरी कर ली। बाद में दिल्ली के वाणिज्य मंत्रालय में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर निदेशक बने। सेवानिवृत्ति के बाद 1986 में पढऩे का सपना पूरा करने जुटे।
यूइचिरो मिउरा, उम्र 88 –
एवरेस्ट फतह करने वाले सबसे बुजुर्ग जापान के यूइचिरो मिउरा ने पहले 70 और फिर 75 साल की उम्र में यह कीर्तिमान रचा। 80 साल की उम्र में तीसरी यात्रा के लिए दिल का ऑपरेशन करवाया, मधुमेह से लड़े। अब 2022 में 90 वर्ष की उम्र में फिर यात्रा पर जाने की तैयारी है।
निधन –
धर्मपाल गुलाटी : मसाला किंग का 3 दिसंबर 2020 में निधन हो गया। ९७ साल की उम्र तक युवाओं की तरह काम किया।
प्रणब मुखर्जी : पूर्व राष्ट्रपति का निधन 83 वर्ष की आयु में 31 अगस्त २०२० को हुआ। वे सफल वित्तमंत्री भी रहे।
वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अधिकार…
80 डी में छूट, आयकर में विशेष छूट।
रेल यात्रा में छूट, रिजर्वेशन में लोअर बर्थ की प्राथमिकता।
स्वास्थ्य बीमा में रियायत, बैंक व डाकघर में जमा धन पर अधिक ब्याज की सुविधा ।
बीट पुलिस पर वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा ।