दरअसल, रविवार को त्रिकुट पहाड़ पर बने रोपवे का तार अचानक टूट गया था। तार टूटने के बाद रोपवे के 18 झूलें हवा में ही फंस गए थे। तार टूटने की घटना के दौरान दो महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकी कई घायल भी हो गए। रविवार की शाम त्रिकुट पर्वत पर संचालित रोपवे का सैप टूटने से अचानक हवा में करीब 75 से अधिक लोग फंस गए। इनमें से 24 लोगों को तो देर रात तक ही निकाल लिया गया, लेकिन 12 केबिन में 48 पर्यटक अब भी फंसे हैं।
तो वहीं पहाड़ के रोप-वे पर फंसे लोगों को बचाने के लिये अब सेना के जवानों को लगाया गया है। इससे पहले एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम लोगों को झूलों से सुरक्षित उतारने में जुटी थी। सेना के जवानों के आने के बाद फंसे लोगों को जल्द सुरक्षित बचाव में तेजी आयी है।
रेस्कयू में भारतीय वायुसेना, सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। घटनास्थल के पास सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा है। सोमवार की सुबह करीब सवा छह बजे वायुसेना का हेलीकॉप्टर कमांडोज के साथ पहुंचा। यहां पहले वायुसेना के जहाज ने एरियल सर्वे किया। फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए चॉपर फंसे केबिन के ऊपर पहुंच चुका है।
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साथ ही विशेष जानकारी भी राहत कार्य से संबंधित में दी जा रही है। जिला के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री एवं पुलिस कप्तान सुभाष चंद्र जाट रविवार से ही घटनास्थल पर कैंप किए हुए हैं एवं बचाव एवं राहत कार्य के लिए किए जा रहे हैं एक-एक गतिविधि की क्लोज मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
Update:-
सोमवार दोपहर 12 बजे MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। कुल मिलाकर पिछले 21 घंटे में 22 श्रद्धालुओं को बचाया गया, 26 श्रद्धालु अब भी फंसे हुए हैं। बता दें, देवघर का त्रिकुट पहाड़ झारखंड के रोमांचक पर्यटन स्थल में से एक है, इस पहाड़ पर आप ट्रेकिंग, रोपवे, वन्यजीवन एडवेंटर्स की जाती है। इसके अलावा इस पहाड़ी पर प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद का आश्रम भी है। ये एक ट्रायकिट हिल्स है, जिसमें 3 चोटी समुद्र तल से 2470 फीट की ऊंचाई तक जाती है और जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर लोग ट्रेकिंग का आनंद लेते हैं।
सोमवार दोपहर 12 बजे MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया। कुल मिलाकर पिछले 21 घंटे में 22 श्रद्धालुओं को बचाया गया, 26 श्रद्धालु अब भी फंसे हुए हैं। बता दें, देवघर का त्रिकुट पहाड़ झारखंड के रोमांचक पर्यटन स्थल में से एक है, इस पहाड़ पर आप ट्रेकिंग, रोपवे, वन्यजीवन एडवेंटर्स की जाती है। इसके अलावा इस पहाड़ी पर प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद का आश्रम भी है। ये एक ट्रायकिट हिल्स है, जिसमें 3 चोटी समुद्र तल से 2470 फीट की ऊंचाई तक जाती है और जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर लोग ट्रेकिंग का आनंद लेते हैं।
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