वॉशिंगटन. छोटी-सी मक्खी का दिमाग कितना छोटा होगा, इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने पहली बार वयस्क मक्खी (फ्रूट फ्लाई) के एक मिलीमीटर चौड़े दिमाग का विस्तृत नक्शा तैयार किया है। इसमें 1.39 लाख से ज्यादा न्यूरॉन्स (दिमाग की तंत्रिका कोशिकाएं) और पांच करोड़ से ज्यादा संपर्कों का ब्योरा दिया गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों समेत सभी प्राणियों के दिमाग के बारे में जानकारी हासिल करने की दिशा में यह अहम कदम है।नेचर जर्नल में छपे अमरीका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक मक्खियां, जिनका वैज्ञानिक नाम ‘ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर’ है, न्यूरोसाइंस के लिए महत्त्वपूर्ण मॉडल सिस्टम हैं। उनका दिमाग इंसान के दिमाग की तरह कई समस्याओं का समाधान करता है। वे चलने-उडऩे के साथ सीखने, याद रखने और सामाजिक संपर्कों जैसे व्यवहार में सक्षम हैं। शोध का मकसद यह समझना था कि दिमाग कैसे जुड़ा होता है, स्वस्थ दिमागी क्रियाओं के पीछे के संकेत क्या हैं। यह अन्य जीवों के दिमाग के नक्शे तैयार करने के रास्ते खोल सकता है।
वायरिंग का जटिल व्यवहार से कनेक्शन शोधकर्ताओं में शामिल न्यूरो-साइंटिस्ट माला मूर्ति ने कहा, हम जिन सवालों के जवाब खोज रहे थे, उनमें एक यह था कि मस्तिष्क की वायरिंग, इसके न्यूरॉन्स और कनेक्शन कैसे जीव के व्यवहार तय करते हैं। हमने जो नक्शा बनाया, वह वायरिंग डायग्राम है। इसे ‘कनेक्टोम’ कहा जाता है। शोध में मक्खी के जटिल व्यवहार को दिमाग की वायरिंग के जरिए समझने की कोशिश की गई।
भिनभिनाने पर पहले हो चुके हैं कई शोध मक्खियों के व्यवहार पर पहले कई शोध हो चुके हैं। एक शोध में पता लगाया गया कि मक्खियां तेजी से उड़ते हुए अचानक कैसे रुकती हैं और फिर उसी तेजी से कैसे उडऩे लगती हैं। एक अन्य शोध में मक्खी के स्वाद नेटवर्क और स्वच्छता से जुड़े सर्किट्स का विश्लेषण किया गया। इसमें पता चला कि वह अपने एंटीना से गंदगी हटाने के लिए पैरों का इस्तेमाल करती है।