भूपिंदर सिंह की गायिका पत्नी मिताली सिंह के मुताबिक वह कई स्वास्थ्य जटिलताओं से पीडि़त थे। उन्हें 10 दिन पहले अस्पताल में दाखिल कराया गया था। डॉक्टरों ने जांच के दौरान उनमें कोलान कैंसर (बड़ी आंत में कैंसर) की आशंका जताई थी। उन्हें कोरोना भी हो गया था। इसलिए कैंसर संबंधी जांच पूरी नहीं हुई थी। भूपिन्दर सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनके पिता नाथा सिंहजी अपने जमाने के मशहूर गायक थे। भूपिन्दर व मिताली सिंह की जोड़ी के कई म्यूजिक एल्बम काफी लोकप्रिय हुए। उनका बेटा निहाल सिंह भी संगीतकार है।
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा…
भूपिंदर सिंह ने बचपन में अपने पिता से गिटार बजाना सीखा। दिल्ली में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए गायक और गिटारवादक के रूप में काम किया। संगीतकार मदन मोहन ने 1964 में उन्हें ‘होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा… (हकीकत) गवा कर पहला बड़ा ब्रेक दिया। यह गाना उन्होंने मोहम्मद रफी के साथ गाया था। इसके बाद फिल्मों में गायन के साथ-साथ उन्हें गजल गायकी में भी काफी शोहरत मिली।
यादगार गीतों की लंबी फेहरिस्त
भूपिंदर ने कई यादगार गीत गाए। इनमें दिल ढूंढता है…, कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता…, मेरे घर आना जिंदगी…, पिया बिन जिया नाहि लागे…, बोलिए सुरीली बोलियां…, करोगे याद तो हर बात याद आएगी… आदि शामिल हैं। उन्हें आहट-सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो…, दिन सलीके से उगा रात ठिकाने से रही…और शाम ऐसे गुजारता है कोई… जैसी कई लोकप्रिय गजलों के लिए भी याद किया जाएगा।