लोकसभा में नियम 377 के तहत बुधवार को सांसद ने अपने प्रस्ताव में कहा कि इंदिरा गांधी नहर पंजाब राज्य में सतलुज नदी के साथ ब्यास नदी के संगम से कुछ किलोमीटर दूर हरिके बैराज से शुरू होकर थार रेगिस्तान में समाप्त होती है। इसका उपयोग सिंचाई और पेयजल के लिया किया जाता है। हरिके बैराज से राजस्थान की नहरों में आने वाला पानी पंजाब के औद्योगिक अपशिष्ट से अत्यधिक प्रदूषित हो चुका है, इस दूषित पानी का उपयोग सिंचाई के लिए करने से फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता पर बुरा असर पड़ रहा है। कई स्थानों पर खेतों की मिट्टी बंजर होती जा रही है। साथ ही इस पानी के पीने योग्य न होने के कारण एक दर्जन जिलों में लोगो को कैंसर, अस्थि विकार सहित कई बीमारियों से पीडि़त हो गए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर पंजाब सरकार को निर्देशित करे कि अपशिष्ट को शोधन करके भी नहरों में नहीं डाले। नहरों में किसी प्रकार का कोई भी नाला, अपशिष्ट नहीं आए इसके लिए कठोर नीति बनाई जाए।