बिरला ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और स्टार्टअप के लिए तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन गया है। भारत कई क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन से गुजर रहा है, जैसे कि कृषि, फिनटेक, एआई, और अनुसंधान और नवाचार। भारत के पास अब विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और सेवा क्षेत्र है। अगले साल, जब गणमान्य व्यक्ति सीएसपीओसी के लिए भारत आएंगे तो वे देश की विरासत और प्रगति के अद्वितीय मिश्रण का अनुभव करेंगे।
बिरला ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और साइबर अपराध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संसदों को अधिक प्रभावी, समावेशी और पारदर्शी बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी सत्र में महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर सार्थक संवाद होगा। बिरला ने गर्नजी बैलिविक के पीठासीन अधिकारी सर रिचर्ड मैकमोहन को उनके गरिमामयी नेतृत्व और आतिथ्य-सत्कार के लिए आभार जताया। बैठक में समकालीन चुनौतियों से निपटने , लोकतंत्र और सुशासन के सिद्धांतों को बनाए रखने की राष्ट्रमंडल संसदों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।