scriptश्रीलंका में आपातकाल का ऐलान, बदतर आर्थिक स्थिती से लोगों की जिंदगी बेहाल, हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब | Sri Lanka declares public emergency amid protests over economic crisis | Patrika News
नई दिल्ली

श्रीलंका में आपातकाल का ऐलान, बदतर आर्थिक स्थिती से लोगों की जिंदगी बेहाल, हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब

गिरती अर्थव्यवस्था और महंगाई की वजह से श्रीलंका की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि लोग सड़कों पर उतर आए हैं। श्रीलंका में भयानक आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल 2022 से सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी है।

नई दिल्लीApr 02, 2022 / 10:05 am

Archana Keshri

श्रीलंका में आपातकाल का ऐलान, बदतर आर्थिक स्थिती से लोगों की जिंदगी बेहाल, हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब

श्रीलंका में आपातकाल का ऐलान, बदतर आर्थिक स्थिती से लोगों की जिंदगी बेहाल, हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब

अर्थव्यवस्था के बुरे हालात के चलते श्रीलंका में महंगाई आसमान छू रही है और पेट्रोल डीजल की कमी के चलते कारोबार ठप हो गए हैं। जनता सरकार के विरोध में आ गई है और कई जगह पर सरकार के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात बेकाबू होते देख राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे ने देर रात आपातकाल की घोषणा कर दी, वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी जनता राष्ट्रपति से लगातार इस्तीफा देने के मांग कर रही है।
प्रतिबंधों, किल्लतों और दिक्कतों का सामना कर रही श्रीलंका की जनता शुक्रवार रात को कोलंबो में सड़कों पर उतर आई। 5000 से ज्यादा लोगों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर की ओर रैली निकाली। भीड़ राष्ट्रपति के घर तक आना चाहती थी। इस दौरान भीड़ की पुलिस से झड़प हुई है जिसके बाद 54 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

sri_lanka_3.jpg

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल से आपातकाल लगाने की घोषणा करते हुए एक गजट जारी किया। दरअसल श्रीलंका सरकार के पास तेल आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है और इस कारण देश में ईंधन की भारी कमी हो रही है। पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों के घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।

srilanka_protest.jpg

दो करोड़ बीस लाख की आबादी वाले द्वीप देश श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब मंदी की चपेट में है। यहां तक कि वहां सबसे आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए भुगतान के लिए भी विदेशी मुद्रा की किल्लत हो गई है। हालात इतने खराब हैं कि गुरुवार को बसों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए मुख्य ईंधन डीजल पूरे देश में कहीं भी उपलब्ध नहीं था।

sri_lanka_1.jpg

इसके अलावा महंगाई के आलम यह है कि शिक्षा विभाग के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है। देश में अधिकांश स्थानों पर 13-14 घंटे बिजली काटी जा रही है। दूध पेट्रोल से भी महंगा हो गया है। लोगों के पास खाने-पीने की चीजें नहीं हैं। श्रीलंका में चावल-दाल दवाओं की कीमतें आसमान छू रही है। पैरासीटामोल की 10 टैबलेट की पत्ती 450 रुपये में बिक रही है।

sri_lanka.jpg

वहीं, लोगों की गुस्से और उनके हिंसक प्रदर्शन को वहाँ की राजपक्षे सरकार ने ‘आतंकी कृत्य’ बता दिया था और कहा था कि विपक्षी दलों से जुड़े ‘चरमपंथी तत्वों’ द्वारा ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। सरकार की विफलता को ढंकने के लिए वहाँ की सरकार विपक्षी दलों को जिम्मेवार ठहरा रही है।

यह भी पढ़ें

रेस्त्रां में बर्तन धोने वाला ‘स्पॉन्ज’ ऑर्डर करने के लिए लगती है भीड़, बहुत ही चाव से खाते हैं लोग

srilanka_2.jpg

इस आपातकाल के जरिए राष्ट्रपति राजपक्षे ने पब्लिक सिक्युरिटी अध्यादेश के प्रावधानों को लागू कर दिया है। इससे उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण, विद्रोह के दमन, दंगा या नागरिक हंगामा या आवश्यक आपूर्ति के रख-रखाव के लिए नियम बनाने का अधिकार मिल गया है। आपातकालीन नियमों के तहत, राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकते हैं। वे किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें

सिर्फ एक तरबूज के लिए छिड़ गया था युद्ध, मर-मिटे थे हजारों सैनिक

Hindi News / New Delhi / श्रीलंका में आपातकाल का ऐलान, बदतर आर्थिक स्थिती से लोगों की जिंदगी बेहाल, हिंसा-आगजनी-सड़कों पर जनसैलाब

ट्रेंडिंग वीडियो