नई दिल्ली

ताकि कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में न कुचल सके लोकतंत्र की आत्मा

गृहमंत्री अमित शाह ने भारत सरकार की ओर से ‘संविधान हत्या दिवस’ की घोषणा के पीछे का बताया उद्देश्य

अमित शाह बोले – संविधान हत्या दिवस’ लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोगों का सम्मान है

नई दिल्लीJul 13, 2024 / 04:07 pm

Navneet Mishra

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने भारत सरकार की ओर से हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसके पीछे का उद्देश्य बताया है। गृहमंत्री ने कहा है कि संविधान हत्या दिवस’ यह सुनिश्चित करेगा कि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक्स प्लेटफॉर्म पर अपनी पोस्ट्स में कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की ओर से लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया।
अमित शाह ने कहा कि‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।”

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