हाई कोर्ट ने पटाखों पर लगाया था प्रतिबंध
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की पीठ दिवाली के अवकाश के दौरान भी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 29 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि इस साल राज्य में काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा, जगद्धात्री पूजा, गुरू नानक जयंती, क्रिसमस और नए साल पर किसी भी तरह के पटाखे नहीं जलाए जाएंगे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की पीठ दिवाली के अवकाश के दौरान भी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 29 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि इस साल राज्य में काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा, जगद्धात्री पूजा, गुरू नानक जयंती, क्रिसमस और नए साल पर किसी भी तरह के पटाखे नहीं जलाए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया फैसला
हाई कोर्ट ने कहा कि त्योहारों के दौरान लोग केवल मोम या तेल के दीयों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही राज्य की पुलिस को भी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट के इस फैसले को एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि त्योहारों के दौरान लोग केवल मोम या तेल के दीयों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही राज्य की पुलिस को भी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट के इस फैसले को एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है।
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