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नई दिल्ली

देश भर के शोधार्थियों को विकसित भारत के विजन से जोड़ेगा आरएसएस

– मोहन भागवत गुरुग्राम में करेंगे अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन का आयोजन
– इसरो और नेवी चीफ सहित विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां करेंगी शोधार्थियों का मार्गदर्शन, अनुसंधान में भारतीय दृष्टि देने की पहल

नई दिल्लीNov 14, 2024 / 02:56 pm

Navneet Mishra

नवनीत मिश्र

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शोधार्थियों को विकसित भारत और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने की पहल की है। संघ से जुड़े संगठन भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से 15 से 17 नवंबर को गुरुग्राम के एसजीटी विश्वविद्यालय में आयोजित होने जा रहे अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन में देश के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान में इसरो और नौसेना के प्रमुख सहित विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। इस सम्मेलन का उद्घाटन संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत करेंगे।
अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक अनुसंधान पद्धतियों के साथ जोड़ते हुए युवाओं में शोधवृत्ति विकसित करना है। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मलेन में देश के विभिन्न हिस्सों से युवा शोधार्थी सहभागिता करेंगे | उद्घाटन सत्र में इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. कैलाश सत्यार्थी भी उपस्थित रहेंगे |
इस सम्मेलन में युवा शोधार्थियों को विभिन्न विषयों के विषय-विशेषज्ञों के साथ ही देश के प्रख्यात वक्ताओं का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, योगगुरु स्वामी रामदेव, एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, संजीव कृष्ण ठाकुर, आरएसएस के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इंद्रेश कुमार, यूजीसी सचिव प्रो. मनीष जोशी सहित अन्य हस्तियां विचार पेश करेंगी। देश के अनेक राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों- आइआइटी, आइआइएम, आइआइएसएआर के निदेशक व अनेक केंद्रीय विश्वविद्यालयों व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं को भी सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है।

डॉ. कलाम के योगदान पर प्रदर्शनी

इस सम्मेलन में भारतीय ज्ञान परम्परा व शोध से बोध की थीम पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए एक प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। यह प्रदर्शनी प्राचीन ऋषि कणाद से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक कलाम की ओर से भारतीय ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अर्जित की गई उपलब्धियों को दर्शाने के साथ शिक्षा के भविष्य का एक दृष्टिकोण प्रदान करेगी। इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवा विद्यार्थी व शोधार्थी समय की इस यात्रा में पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों, महत्वपूर्ण सुधारों, और तकनीकी प्रगति का अनुभव करेंगे, जिससे वे विकसित, श्रेष्ठ व आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को मूर्त रूप में उतारने में योगदान दे सकेंगे। इस आयोजन के माध्यम से उत्कृष्ट शोधार्थियों को प्रतिष्ठित शोध संस्थानों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने शोध कार्य को पूर्णता प्रदान कर श्रेष्ठ एवं उन्नत भारत अभियान को गति दे सकेंगे।

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