नई दिल्ली। अपने कुनबे की खातिर 14 फीट लंबे मगरमच्छ को मारने वाली 19 साल की बाघिन ‘मछली’ की मौत हो गई है। मछली को रणथंभौर की रानी के नाम से भी जाना जाता था। मछली की दुनियाभर में सबसे ज्यादा तस्वीरें खींची गई हैं। रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क में गाइड हेमराज मिश्र का कहना है कि मछली बांस की झाड़ में मिली और उसके बाद से उसने हिलना-डूलना बंद कर दिया। उनका कहना है कि मछली को पोस्ट मॉर्टम के लिए भेजा जाएगा और उसके बाद विधिवत उसका दाह संस्कार किया जाएगा। जंगल की गॉडमदर थी मछली को रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क की गॉर्डमदर भी कहा जाता था। उसके दाह संस्कार में सभी गाइड और वन कर्मचारी शामिल होंगे। वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि मछली उनके परिवार की सदस्य की तरह थी। सोशल मीडिया भी गमजदा मछली की मौत के बाद सोशल मीडिया भी गमजदा हो गया है। यहां मछली की मौत पर दुख जताते हुए लोग लगातार पोस्ट किए जा रहे हैं। सभी लोग मछली की तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं। रणथंभौर के वरिष्ठ वन अधिकारी का कहना है कि मछली को टी-16 भी कहा जाता था। वह पिछले कुछ वक्त से अस्वस्थ्य थी और वन विभाग की एक टीम उसकी देखभाल कर रही थी। डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले सिनेमेटोग्राफर ने रखा नाम 19 साल की बाघिन का नाम ‘मछली’ उस पर डॉक्यूमेंट्री बनाने लासे सिनेमेटोग्राफर कॉलिन पैट्रिक स्टेफोर्ड-जॉनसन ने रखा था। उन्होंने मछली पर पांच डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई हैं। 14 फीट लंबे मगरमच्छ को मारा था मछली अपने कुनबे की जान बचाने के लिए 14 फीट लंबे मगरमच्छ से भिड़ गईं थी और उसका खात्मा करके ही छोड़ था।