राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बात को समझने के लिए हमें पंजाब में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर ध्यान देना होगा। 2017 में हुए पंजाब चुनाव में पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव लड़ा था और आप को चुनावी में खासा नुकसान उठाना पड़ा। राज्य में मौजूदा अकाली दल की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई थी, वहीं कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह के चेहरे पर मैदान में थी।
बीते चुनाव में आम आदमी पार्टी अंतिम समय तक सीएम का चेहरा साफ नहीं कर पाई, जिसके चलते पार्टी को राज्य में सिर्फ 20 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में कांग्रेस ने 72 सीटें हासिल कर राज्य में सरकार बनाई। माना जा रहा है कि इस बार भी आम आदमी पार्टी पिछले चुनावों में की गई गलती दोहरा रही है। चुनाव में कुछ ही महीनों का समय बचा है, लेकिन आप बिना किसी मजबूत सीएम के चेहरे के राज्य में चुनावी मैदान में है।