बता दें, एक अप्रैल, 1936 को अलग राज्य के रूप में ओडिशा का गठन हुआ था, तब उसे बंगाल-बिहार-ओडिशा के संयुक्त प्रांत से अलग किया गया था। इसी याद में ‘उत्कल दिवस’ मनाया जाता है। पहले राज्य का नाम उड़ीसा था, जिसे 2011 में बदलकर ओडिशा कर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “उत्कल दिवस के विशेष अवसर पर, ओडिशा के लोगों को शुभकामनाएं। ओडिशावासी भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ओडिया संस्कृति की विश्व स्तर पर प्रशंसा की जाती है। मैं भविष्य में ओडिशा के सतत विकास की कामना करता हूं।”
तो वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया, “ओडिशा दिवस पर, राज्य के लोगों को मेरी शुभकामनाएं। जगन्नाथ, लिंगराज, कोणार्क और अन्य समृद्ध विरासतों के मंदिरों की भूमि, ओडिशा ने दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दिया, और हिंसा से खुद को दूर रखा। राज्य की समृद्धि के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।”
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस मौके पर ट्वीट करते हुए कहा, “ओडिशा दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस अवसर पर मैं एक अलग ओडिशा राज्य के गठन के विशिष्ट साधकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आइए हम उड़िया राष्ट्र के स्वाभिमान को बनाए रखते हुए ओडिशा की समृद्धि के लिए अपने संयुक्त प्रयासों को मजबूत करना जारी रखें। बंदे उत्कल जननी।”
आपको बता दें, इस वर्ष 2022 में ओडिश में 87वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। उत्कल प्रांत का गठन होने के बाद से ओरिशा ओडिशा अपनी समृद्ध भाषा, साहित्य, कला व संस्कृति तथा विशेष खाद्य व्यंजन व पेय समेत अन्य क्षेत्रों में आज पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है।
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