1- नया युगः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि कालचक्र का उद्गम बताते हुए युग परिवर्तन की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा- हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे, अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है।
2-गुलामी की जंजीरें टूटींः प्रधानमंत्री ने गुलामी की मानसिकता को तोड़कर राष्ट्र के उठ खड़े होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र, ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है।
3-न्याय पालिका का आभारः प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर के लिए चली कानूनी लड़ाई को लेकर न्यायपालिका का यहकर आभार जताया कि उसने न्याय की लाज रख ली। उन्होंने न्यायबद्ध तरीके से बने राम मंदिर के अवसर को सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी बताया।
4-प्रभु हमें क्षमा करेंः प्रधानमंत्री ने सदियों तक राम मंदिर निर्माण न होने को लेकर प्रभु श्रीराम से यहकर क्षमा मांगी कि हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गयी होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य नहीं कर पाए। आज वो कमी पूरी हुई है।मुझे विश्वास है, प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। इस तरह से प्रधानमंत्री राम मंदिर निर्माण लटकने के कारणों की तरफ इशारा करने से भी नहीं चूके।
5- हर घर राम ज्योति: प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के दिन को दीवाली से जोड़ते हुए शाम को घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की अपील की।
6- 11 दिवसीय अनुष्ठानः प्रधानमंत्री ने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान भगवान राम से जुड़े सागर से सरयू तक की यात्रा की चर्चा के जरिए एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संदेश दिया। नासिक का पंचवटी धाम हो, केरला का पवित्र त्रिप्रायर मंदिर हो, आंध्र प्रदेश में लेपाक्षी हो, श्रीरंगम में रंगनाथ स्वामी मंदिर हो, रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी मंदिर हो, या फिर धनुषकोडि…प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व हर जगह प्रधानमंत्री गए।
7-राम भक्तों का त्याग: प्रधानमंत्री ने राम मंदिर निर्माण में अनगिनत रामभक्तों, कारसेवकों और संत महात्माओं के प्रति कृतज्ञता जताई।
8-सुनहरा भविष्यः प्रधानमंत्री ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद भारत के इतिहास के और सुनहरा होने की भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है, वो ये बताती है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से बहुत सुंदर होने जा रहा है।
9-डर पैदा करने वालों को संदेश: प्रधानमंत्री ने राम मंदिर को लेकर देश और समाज में भय पैदा करने वाले तत्वों को भी मंच से संदेश दिया। कहा कि वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। राम आग नहीं ऊर्जा के प्रतीक हैं।
10-राष्ट्रीय भावनाओं का मंदिर: प्रधानमंत्री ने राम मंदिर को राष्ट्रीय चेतना और भावनाओं का मंदिर बताया।
11-वसुधैव कुटुंबकम्: प्रधानमंत्री ने रामलला की प्रतिष्ठा को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के विचार की भी प्रतिष्ठा बताई।
12-प्राण प्रतिष्ठा का महत्व: प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के महत्व को बताते हुए कहा कि अयोध्या में, केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। ये साक्षात् मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है। सर्वे भवन्तु सुखिन: ये संकल्प हम सदियों से दोहराते आए हैं। आज उसी संकल्प को राममंदिर के रूप में साक्षात् आकार मिला है।
13-राष्ट्र निर्माण: प्रधानमंत्री ने इस पवित्र समय से, अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी की बात कही। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर राष्ट्र निर्माण की तरफ जाने की अपील की।
14-युवाओं से आह्वान: प्रधानमंत्री ने युवाओं से भी खास अपील की। कहा कि आपके सामने हजारों वर्षों की परंपरा की प्रेरणा है। आप भारत की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं…जो चांद पर तिरंगा लहरा रही है, जो 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करके, सूर्य के पास जाकर मिशन आदित्य को सफल बना रही है, जो आसमान में तेजस… सागर में विक्रांत…का परचम लहरा रही है। अपनी विरासत पर गर्व करते हुए आपको भारत का नव प्रभात लिखना है
15-विकसित भारत: प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाला समय अब सिद्धि का है। ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का, ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का।
16-यह भारत का समय: प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारत का समय है और भारत अब आगे बढ़ने वाला है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं।