हालांकि उनके इस दौरे से पहले ही पूर्व मेदिनीपुर की कोंटाई पुलिस ने पत्र लिखकर उन्हें हिंसा वाले जिले का दौरा रद करने की सलाह दी थी। पुलिस द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन इलाकों में धारा 144 लागू है, जिसके कारण वे यहां का दौरा ना करें। पुलिस थाने के प्रभारी ने पत्र में कहा है कि हावड़ा जिले के कुछ हिस्सों का दौरा नहीं करने के लिए कहने का मुख्य कारण भाजपा नेता की सुरक्षा को लेकर चिंता थी।
इस बीच पुलिस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को पूर्ब मेदिनीपुर जिले के तामलुक में रोका और दावा किया कि वह हिंसा प्रभावित हावड़ा की ओर जा रहे थे। वहीं शुभेंदु ने कहा कगि उन्हें कोलाकाता पहुंचना है, वहां उन्हें दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेना है। दूसरी तरफ उन्होंने बीजेपी कार्यालय में तोड़फोड़ करने के संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा, “पूरबा मेदिनीपुर में पुलिस प्रशासन की हरकतों को देखकर मैं हैरान हूं। यह आश्चर्यजनक है कि आधी रात के बाद से, मेरे कोंटाई आवास और उसके आस-पास भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी और सड़क अवरोध लगाए गए थे।”
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उन्होंने आगे कहा, “मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि माननीय न्यायालय द्वारा 02.07.2021 का गंभीर आदेश मुझे हावड़ा में बीजेपी पार्टी के क्षतिग्रस्त कार्यालयों में जाने से रोकने के प्रयास के लिए कैसे लागू होता है। इसके अलावा, कोंटाई पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक ने भी अपने अधिकार क्षेत्र से अधिक काम किया है और मुझे ऐसे क्षेत्रों का दौरा करने से रोका है जो कोंटाई पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र से ही बाहर हैं। साथ ही एसपी, पूरबा मेदिनीपुर के अधिकार क्षेत्र से भी बाहर हैं। और वैसे भी मैं वहां पर अकेले जाऊंगा और इससे धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं होगा।” शुभेंदु अधिकारी ने मुख्य सचिव से आग्रह किया कि उन्हें बीजेपी कार्यालयों का दौरा करने दिया जाए। वहीं दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी के हावड़ा के हिंसा प्रभावित इलाके में जाने से रोके जाने पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ा ने मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को तलब किया है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति की तुलना उन्होंने अघोषित आपातकाल से की है। राज्यपाल ने शुभेंदु द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा, “नेता प्रतिपक्ष द्वारा भेजे गए पत्र पर तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए मुख्य सचिव को बुलाया गया है। शुभेंदु अधिकारी के अधिकारों में पहले की गई कटौती के संदर्भ में यह अनुचित है। अघोषित आपातकाल क्यों!”
गौरतलब है कि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पैगम्बर के विवाद के कारण पिछले कुछ दिनों में हावड़ा-दोम्जुर समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आई हैं। और उस विरोध की आग में भाजपा के कई कार्यालय जल गए हैं। इसे देखने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार जाने वाले थे मगर उन्हें शनिवार हाउस अरेस्ट कर लिया गया। वहीं अधिकारी ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह आज हावड़ा जाएंगे। मगर हिंसक घटनाओं के चलते हावड़ा के राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे स्टेशनों के हिस्सों में और उसके आसपास धारा 144 को लागू कर दी गई है, ये धारा 15 जून तक लागू रहेगी।
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