इंग्लैंड में एक पुलिस ने देखा की तपती धूप में एक कार खड़ी है और उसके अंदर एक बच्चा सोया हुआ है। ऐसे में कहीं बच्चे का दम न घुट जाए इसके लिए पुलिस ने कार का शीशा तोड़ दिया और उसे बाहर निकाल लिया। जब पुलिस ने बच्चे को गोद में उठाया तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई।
कार की मलकिन जब वापस आई तो उन्होंने अपनी कार के पास भीड़ जमा देखी। उनकी कार के आसपास कुछ पुलिसवाले भी खड़े थे। थॉर्नबे में रहने वाली 36 वर्षीय एमी मैक्क्वीलेन यानी कार की महिला ने बताया कि वह अपनी 10 साल की बेटी डार्सी के साथ शॉपिंग के लिए गई थीं।
वहीं कार का शीशा तोड़ने की वजह पुलिस ने महिला से बताया कि शिकायत मिलने पर जब वो कार के पास पहुंचे तो उन्होंने कार में देखा कि बच्ची बैठी है, उन्हें चाइल्ड नेगलेट की शिकायत मिली थी। इसलिए उन्होंने तुरंत ही शीशा तोड़ दिया, ताकि बच्ची को बचाया जा सके। दरअसल, पुलिसवालों ने गुड़िया को असली की बच्ची समझ लिया था। ये जानकर महिला के होश उड़ गए।
महिला के अनुसार, उनकी बेटी डार्सी के पास एलियट नाम की एक गुड़िया है, जो दिखने में किसी छोटे बच्चे जैसी लगती है। जब दोनों शॉपिंग के लिए गए तो डार्सी ने गुड़िया को कार में ही छोड़ दिया। लेकिन किसी ने गुड़िया को बच्चा समझकर पुलिस को फोन कर दिया। वहीं गुड़िया को बच्चा समझ कर पुलिस ने उनकी कार का शीशा तोड़ दिया। मगर जब पुलिस को पता चला कि वो बच्चा नहीं गुड़िया है तो उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस हुई।
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एमी ने कहा कि उसने रिबॉर्न बेबी डॉल अपनी बेटी को क्रिसमस गिफ्ट के तौर पर दिया था, मगर उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इस गुड़िया को सच में कोई बच्चा समझ लेगा। महिला ने आगे कहा की वो समझती है कि पुलिस के पास इस तरह की कॉल आएगी तो वो जरूर एक्शन लेंगे। मगर उन्हें इस बात का दुख भी है कि सबके सामने उसे बच्चों को नजरअंदाज करने वाली महिला समझ लिया गया। हालांकि पुलिस ने सबके सामने महिला से माफी मांगी और पुलिस डिपार्टमेंट ने अपनी गलती मानते हुए महिला की कार में हुए नुकसान का मुआवजा भी दिया। उन्होंने उसके कार के कांच को तोड़ने के लिए 26 हजार रुपये चुकाएं। इस घटना के बाद पुलिस ने पूरे देश से अपील की कि अगर कोई अपनी कार में ऐसी डॉल लेकर चल रहा है तो कार पर अलर्ट का फ्लायर जरूर लगाएं ताकी इस डॉल को कोई असली बच्चा न समझे।
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