पीएम मोदी 2 मई को तीन देशों के दौरे पर रवाना होंगे। यह यात्रा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद हो रही है। पीएम मोदी ने एक बयान में कहा, “मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों और विकल्पों का सामना कर रहा है। अपनी व्यस्तताओं के माध्यम से मैं अपने यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करने का इरादा रखता हूं, जो भारत की शांति और समृद्धि की खोज में महत्वपूर्ण साथी हैं।”
पीएम मोदी ने एक बयान में कहा कि वह जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के निमंत्रण पर दो मई को बर्लिन पहुंचेंगे। अपनी यूरोप यात्रा के दौरान, मोदी जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे, जिन्हें हाल ही में दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुना गया है।
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पीएम मोदी बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी) का छठे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे। जिसके बाद पीएम 3-4 मई को डेनमार्क की अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के निमंत्रण पर द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने के लिए कोपनहेगन की यात्रा करेंगे तथा द्वितीय भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वह फ्रांस में रुकेंगे, जहां मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। आपको बता दें भारत और फ्रांस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरा कर रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच यह बैठक सामरिक साझेदारी को लेकर महत्वकांक्षी एजेंडा निर्धारित करेगी। तो वहीं पीएम मोदी ने कहा कि भारत लौटते समय, मैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के लिए पेरिस, फ्रांस में कुछ समय के लिए रुकूंगा। राष्ट्रपति मैक्रों के साथ प्रस्तावित बैठक का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वह विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर आकलन साझा करेंगे और मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग का जायजा लेंगे।
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