नई दिल्ली

अकेले नहीं, रिश्तों में रहने वाले ज्यादा खुशहाल और संतुष्ट

साथ है तो क्या कमी : ब्रिटेन-चीन-जापान समेत 12 देशों के 6,338 लोगों पर शोध

नई दिल्लीNov 20, 2024 / 01:54 am

ANUJ SHARMA

लंदन. ज्यादातर लोग मानते हैं कि रिश्तों में रहने वालों के मुकाबले सिंगल या अकेले रहने वाले ज्यादा खुश रहते हैं। तर्क दिया जाता है कि उन लोगों को अपने पार्टनर या किसी और के लिए समय निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्हें रोक-टोक के लिए भी कोई नहीं होता। एक नए शोध ने इस धारणा को खारिज कर दिया है। ‘इवोल्यूशनरी साइकोलॉजिकल साइंस’ जर्नल में छपे शोध के मुताबिक संतोषजनक रिश्तों में रहने वाले लोग सिंगल या अकेले रहने वालों से ज्यादा संतुष्ट और खुश हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह भावनात्मक सपोर्ट है, जो सिंगल लोगों को हासिल नहीं होता।शोध ब्रिटेन, चीन, जापान, मिस्र और ग्रीस समेत 12 देशों के 6,338 लोगों पर किया गया। इनमें रिलेशनशिप वाले, शादीशुदा, मर्जी से अकेले रहने वाले और पार्टनर पाने के लिए संघर्ष कर रहे लोग शामिल थे। शोध में पाया गया कि जो लोग शादीशुदा हैं या स्वस्थ रिलेशनशिप में हैं, वे भावनात्मक तौर पर ज्यादा मजबूत हैं। वे जिंदगी से संतुष्ट हैं और काफी खुश हैं, क्योंकि मुश्किल दिनों में अकेले नहीं होते। उनके पास ऐसा साथी है, जो उनकी भावनाओं को समझ पा रहा है।
अकेले हैं तो बहुत गम हैं… हरदम चिंता

शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग अकेले रहते हैं, वे हमेशा चिंताओं में दिन-रात गुजारते हैं। उन्हें भावनात्मक संघर्षों का सामना अकेले करना पड़ता है। उनमें उदासी ज्यादा और मौज-मस्ती कम होती है। जिनका हाल ही जीवन साथी से ब्रेकअप हुआ है, शोध में ऐसे लोगों ने माना कि रिलेशनशिप के दौरान वे ज्यादा खुश और संतुष्ट थे। कुछ कारणों से अलग होकर अब उनकी जिंदगी नीरस हो गई है।
संतुष्टि, आनंद और आशावाद

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की जीवन संतुष्टि, आनंद और आशावाद के स्तर का विश्लेषण किया। इसमें रिश्ते में रहने वालों ने उच्च स्कोर हासिल किया। ऐसे लोग ज्यादातर समय खुद को आनंदित महसूस करते हैं। जिन्हें अच्छा जीवन साथी नहीं मिला, उनमें संतुष्टि, आनंद और आशावाद अपेक्षाकृत कम पाया गया। सिंगल या अकेले रहने वालों में यह निम्नतम था।

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