इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि “साल 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन की पटकथा लिखी गई थी, जो सूखी भी नही थी कि पाकिस्तान में विश्वासघात की एक नई पटकथा लिखी जानी लगी थी। विभाजन के कुछ दिन के अंदर पाकिस्तान का जो चरित्र सामने आया, उसकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि उसने हमारे क्षेत्र के लोगों को कितने अधिकार दिए हैं, जिस पर वह अनधिकृत कब्जा कर लिया है? उन्होंने कहा कि आज जो POK में अमानवीय घटनाए हो रही हैं उसके लिए पूरी तरह से पाकिस्तान जिम्मेदार है। आज जो पाकिस्तान POK में अत्याचार के बीज बो रहा है उसको आने वाले समय में कांटो का सामना करना पड़ेगा।
आतंकवाद का नहीं होता कोई धर्म
राजनाथ सिंह ने कहा कि “आतंकवाद का तांडव इस राज्य ने जो कश्मीरियत के नाम पर देखा, उसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता है। उस दौरान अनगिनत लोगों की जाने गई और अनगिनत घर तबाह हो गए। धर्म के नाम पर कितने लोगों का खून बहा इसका कोई हिसाब ही नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कई लोगों ने आतंकवाद को धर्म से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन क्या आतंकवाद के शिकार किसी एक धर्म तक ही सीमित हैं? आतंकवादी क्या हिन्दू या मुसलमान देखकर हरकत करता है? आतंकवादी केवल भारत को निशाना बनाकर अपनी योजनाओं को अंजाम देना जानते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि “आतंकवाद का तांडव इस राज्य ने जो कश्मीरियत के नाम पर देखा, उसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता है। उस दौरान अनगिनत लोगों की जाने गई और अनगिनत घर तबाह हो गए। धर्म के नाम पर कितने लोगों का खून बहा इसका कोई हिसाब ही नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कई लोगों ने आतंकवाद को धर्म से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन क्या आतंकवाद के शिकार किसी एक धर्म तक ही सीमित हैं? आतंकवादी क्या हिन्दू या मुसलमान देखकर हरकत करता है? आतंकवादी केवल भारत को निशाना बनाकर अपनी योजनाओं को अंजाम देना जानते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लंबे समय तक अंधेरे में रखने के लिए स्वार्थी राजनीति जिम्मेदार है। आजादी के बाद कुछ स्वार्थी तत्वों ने कश्मीरी समाज को कई हिस्सों में बांट दिया, जिसके कारण लोग कश्मीरियत भूलकर कश्मीरी समाज हिंदू, मुस्लिम, राजपूत और सिख में बंट गए।
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