असेंबली भंग होने के बाद पाकिस्तान का विपक्ष मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित की है। बिलावल भुट्टो जरदारी का कहना है कि इमरान सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं।
नेशनल असेंबली भंग होने के बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने बैठक बुलाई। उन्होंने अपने आवास पर साथी न्यायाधीशों के साथ बैठक की। इसके बाद पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश नेशनल असेंबली के विघटन के खिलाफ विपक्षी नेताओं द्वारा दायर याचिकाओं की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
नेशनल असेंबली भंग होने के बाद इमरान खान ने कहा कि मैंने बताया था कि घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के खिलाफ साजिश रची गई। विपक्ष को समझ नहीं आ रहा है कि हुआ क्या है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भंग होने के बाद पाकिस्तान की संसद के बाहर नारेबाजी चल रही है। नारेबाजी में कहा गया- “इमरान खान पाकिस्तान को बचाएंगे… जो कोई भी अमेरिका का दोस्त है वह देशद्रोही है।”
दूसरी ओर पाकिस्तान के नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया है कि यह किसी बड़े देशद्रोह से कम नहीं है। इमरान खान ने देश को अराजकता में धकेल दिया है। नियाजी और उनके साथियों को आजाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्हें संविधान के खुलेआम उल्लंघन के परिणाम भुगतने होंगे। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएगा।
पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी ने ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र को आश्चर्यचकित करने का अपना वादा पूरा किया। अब हम चुनाव की तैयारी करेंगे और चुनाव जीतेंगे। पाकिस्तान से चोरों, लुटेरों और देशद्रोहियों को खत्म करेंगे।
तो वहीं इस मामले को लेकर पांच जजों की टीम मामले की सुनवाई कर रही है। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने का स्वत: संज्ञान लिया है। दूसरी ओर पाकिस्तान में हो रही राजनीतिक हलचल से वहां की सेना ने दूरी बना ली है। सेना की ओर से कहा गया है कि उसका इस राजनीतिक प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।
पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद विपक्ष की ओर से दायर याचिका के मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया है। साथ गही सुप्रीम कोर्ट ने सभी नोटिस भी भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य एजेंसियों को कोई भी अवैध कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की याचिका पर सुनवाई कल तक स्थगित की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इस पर SC को बताने के लिए संघीय आंतरिक और रक्षा सचिवों को नोटिस जारी किया गया है।