तो वहीं इस हादसे ने कई बड़े सवाल भी खड़े कर दिए है, सवाल उठ रहे हैं कि इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है। जिंदगी और मौत के बीच फंसे हुए दर्जनों लोगों को वायु सेना, सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया लेकिन कुछ लोग इतने भाग्यशाली नहीं थे।
हादसा रविवार को शाम चार बजे हुआ था। करीब 42 घंटे बाद भी 5 लोग हवा में लटकी ट्रॉलियों में फंसे हुए हैं। एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में जुटी है। हादसे के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है शुरूआती जांच से ऐसा लगता है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके चलते केबल कारों की टक्कर हुई।
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वहीं झारखंड रोपवे हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पल-पल की खबर ले रहे हैं और इस पर पैनी नजर बनाए हुए है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। बता दें, सेना को भी रेस्क्यू में मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। दो पहाड़ों के बीच में फंसी ट्रालियां और नीचे हजार फीट की खाई है। ऐसे में सेना के जवान बहुत सूझबूझ के साथ रेस्क्यू चला रहे हैं। हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू में फिलहाल दिक्कत आ रही है, क्योंकि जैसे ही हेलिकॉप्टर ट्राली के पास पहुंचता है तो उसकी हवा से सभी ट्रालियां हिलने लगती हैं।
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