नई दिल्ली

सिर्फ डेढ़ फीसदी लोग बच पाते हैं आकस्मिक कार्डियक अरेस्ट के मामलों में

– फोर्टिस ने शुरू किया राष्ट्रव्यापी ‘रीसेट द बीट’ अभियान

नई दिल्लीJul 05, 2023 / 09:36 pm

Suresh Vyas

सिर्फ डेढ़ फीसदी लोग बच पाते हैं आकस्मिक कार्डियक अरेस्ट के मामलों में

नई दिल्ली। आकस्मिक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) यानी दिल की धड़कन रुकने से हो रही मौतों के बीच सामने आया है कि देश में ऐसे मामलों में महज डेढ़ प्रतिशत लोगों की ही जान बच पाती है। कारण कि इन्हें समय पर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) जैसा उपचार नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट व आयरलैंड की मेडट्रॉनिक पीएलसी के पूर्ण स्वामित्व वाली कम्पनी इंडिया मेडट्रॉनिक ने बुधवार से आमजन को सीपीआर का प्रशिक्षण देने का राष्ट्रव्यापी अभियान ‘रीसेट द बीट’ शुरू किया है। नई दिल्ली स्थित फोर्टिस अस्पताल में इसकी शुरुआत की गई।

देश के अन्य प्रमुख अस्पतालों के सहयोग से चलाए जाने वाले इस अभियान के पहले चरण के तहत पहले तीन महीनों में दिल्ली और चेन्नई के अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, पुलिस विभाग, सार्वजनिक बाजारों, स्कूलों, कॉलेजों में 36 सीपीआर कार्यशालाओं के माध्यम से 1500 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

फोर्टिस के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ और मेडट्रॉनिक इंडिया के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने कहा कि हाल के दिनों में कई मशहूर हस्तियों ने भी एससीए के कारण जान गंवाई है। ऐसे में लोगों को सीपीआर के बारे में जागरुक करना समय की मांग है।इससे एससीए रोगियों को दूसरा जीवन देने में मदद मिल सकती है।

Hindi News / New Delhi / सिर्फ डेढ़ फीसदी लोग बच पाते हैं आकस्मिक कार्डियक अरेस्ट के मामलों में

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.