नई दिल्ली

झुंझुनू में ओला, रामगढ़ में जुबेर परिवार का टिकट तय

-कांग्रेस का बीएपी-आप से सीट बंटवारा मुश्किल

-देवली और दौसा को लेकर मंथन, खींवसर में जिताऊ उम्मीदवार की तलाश

नई दिल्लीOct 19, 2024 / 11:36 am

Shadab Ahmed

शादाब अहमद
नई दिल्ली. राजस्थान में विधानसभा की 7 सीटों के उपचुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारी चल रही है। इंडिया ब्लॉक में शामिल होने के बावजूद कांग्रेस का आरएलपी और बीएपी से सीट बंटवारा होना मुश्किल दिख रहा है। वहीं झुंझुनू में सांसद बृजेन्द्र ओला के बेटे अमित ओला और अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर पूर्व विधायक दिवंगत जुबेर खान के परिवार को टिकट तय कर दिया गया है। इसके अलावा नागौर जिले की खींवसर सीट पर कांग्रेस को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। जबकि चार सीटों पर दावेदारों के नामों पर चर्चा चल रही है।
लोकसभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेस उत्साहित है। इसके चलते पार्टी उपचुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल मानकर चल रही है। उपचुनाव में फूंक-फूंक कर कदम रखा जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उपचुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट से अलग-अलग बात की। वहीं प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ गुरुवार देर रात तक लंबी बैठक की। सूत्रों ने बताया कि झुंझुनू व रामगढ़ सीट के टिकट को लेकर कोई विवाद नहीं है। दोनों सीटों पर पूर्व विधायकों के परिवार को टिकट की हरी झंडी दे दी गई है। वहीं देवली-उनियारा में पार्टी कई नामों पर विचार कर रही है। सांसद हरीश मीणा से भी नाम मांगा गया है। सूत्रों का कहना है कि मीणा जिसके नाम की सिफारिश करेंगे, उसके टिकट मिलने की संभावना अधिक है। सांसद बनने से पहले हरीश मीणा यहां से दो बार विधायक रहे हैं। वहीं दौसा से सांसद मुरारीलाल मीणा के परिवार के किसी सदस्य को टिकट देने की चर्चा जरूर हुई है, लेकिन अभी उन्हें हरी झंडी नहीं दी गई है। यहां पर किसी ब्राह्मण नेता को चुनाव में उतारने पर कांग्रेस सोच रही है। उम्मीदवारों के नामों को लेकर कांग्रेस की एक बैठक और हो सकती है। वहीं उम्मीदवारों के नामों की घोषणा अगले सप्ताह में होगी।

खींवसर, सलूंबर और चौरासी को लेकर चिंता

कांग्रेस में नागौर जिले की खींवसर, डूंगरपुर जिले की चौरासी और उदयपुर जिले की सलंूबर सीट को लेकर चिंता बनी हुई है। जहां खींवसर में आरएलपी प्रमुख व सांसद हनुमान बेनीवाल का दबदबा है, वहीं आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बीएपी का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। वैसे तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नागौर में आरएलपी और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर बीएपी का समर्थन किया था, लेकिन उपचुनाव में इन दोनों दलों से बात नहीं बन रही है। सूत्रों का कहना है कि इन तीनों सीटों पर अच्छे उम्मीदवार उतारने के लिए कई नामों पर चर्चा भी हो रही है।

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