यह पहल देश में न्यायिक प्रणाली को डिजिटल और आधुनिक बनाने के आंदोलन का हिस्सा है। इसका मकसद वादियों और वकीलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया ज्यादा सुलभ, कुशल और पारदर्शी बनाना है। फिलहाल कोल्लम जिले की चार अदालतों में ऑनलाइन कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई है। केरल के और जिलों में ऐसी अदालतें शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। ऑनलाइन कोर्ट का उद्घाटन इस साल 17 अगस्त को केरल हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में किया गया था। तब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई ने केरल की पहल की सराहना करते हुए कहा था कि इससे लाखों भारतीयों को मदद मिलेगी। सभी के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
वकीलों को त्रुटि रहित फाइल का मार्गदर्शन ऑनलाइन कोर्ट वकीलों को त्रुटियों के बिना फाइल दाखिल करने का मार्गदर्शन भी देगी। उन्हें याचिका दाखिल करते समय जरूरी बातों के दिशा-निर्देश मिलेंगे। कोर्ट स्मार्ट कैलेंडर भी प्रदान करेगी, जिससे वकील अपने शेड्यूल को ट्रैक कर काम की योजना बना सकेंगे।
ये हैं विशेषताएं 1. कोर्ट भवन में जनरल कोर्ट वाली कोई गतिविधि नहीं होगी। मामला दाखिल करने वालों और वकीलों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं होगी। 2. मुकदमे की बहस, सुनवाई और फैसले समेत पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। पुलिस स्टेशनों को प्रपत्र भी ऑनलाइन भेजे जाएंगे।
3. आरोपी और केस करने वालों को याचिका ऑनलाइन ही दाखिल करनी होगी। 4. दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड कर जमानत ली जा सकेगी। 5. कोर्ट फीस का भुगतान ई-पेमेंट के जरिए किया जाएगा।* सेटलमेंट एक्ट के तहत कोर्ट में चेक मामलों की भी सुनवाई होगी।