मीडिया ने नीतीश कुमार से यह सवाल किया कि लालू यादव के ठिकानों पर जो छापेमारी की गयी है उसे बदले की भाव से देखे जाने का आरोप है। सीएम इस विषय को कुछ भी राय देने से किनारे दिखे। उन्होंने कहा कि इस छापेमारी को लेकर वो कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने कहा, “उसके बारे में हमलोगों को क्या कहना है, जो किया है रेड वही न बताएगा ..उसके बारे में ना हम लोगों को पता है, न जानकारी है।”
बता दें कि रेलवे में जमीन के बदले में नौकरी दिये जाने के मामले को लेकर लालू-राबड़ी समेत अन्य के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। लालू प्रसाद पर अपने कार्यकाल 2004 से 2009 के दौरान जमीन लेकर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी देने को लेकर CBI ने मुकदमा दर्ज किया है।
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तो वहीं इस छापेमारी पर RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा था कि राबड़ी देवी के आवास सहित लालू यादव से जुड़े अन्य ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं है। जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नजदीकी बीजेपी को असहज कर रही है। छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है। यह भी पढ़ें