जानवरों से विकसित हुआ है ओमिक्रॉन
दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक जब कोरोना संक्रमित इंसान जानवरों के संपर्क में आते हैं और संक्रमित जानवर किसी स्वस्थ इंसान के संपर्क में आ जाए तो नए तरह के वैरिएंट का जन्म हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि इसे रिवर्स जूनोसिस कहते हैं। मतलब यह है कि इस तरह से सार्स-कोव-2 जैसा प्रकार उत्पन्न हो सकता है। बता दें कि ओमिक्रॉन सार्स-कोव-2 प्रकार का वैरिएंट है।
दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक जब कोरोना संक्रमित इंसान जानवरों के संपर्क में आते हैं और संक्रमित जानवर किसी स्वस्थ इंसान के संपर्क में आ जाए तो नए तरह के वैरिएंट का जन्म हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि इसे रिवर्स जूनोसिस कहते हैं। मतलब यह है कि इस तरह से सार्स-कोव-2 जैसा प्रकार उत्पन्न हो सकता है। बता दें कि ओमिक्रॉन सार्स-कोव-2 प्रकार का वैरिएंट है।
बता दें कि अमेरिका के कॉलेज ऑफ वेटरनरी मेडिसिन एंड बायोमेडिकल साइंसेज में एक रिसर्च टीम ने जानवरों पर कोरोना के प्रभाव का अध्ययन किया है। टीम ने बिल्लियों, कुत्तों, फेरेट्स और हैम्स्टर्स में संक्रमण के बाद कोरोना वायरस में होने वाले उत्परिवर्तन प्रकारों का विश्लेषण किया। इसमें जंगली, चिड़ियाघर और घरेलू जानवरों को शामिल किया गया है।
रिसर्च में सामने आई बात
इस अध्ययन में पता चला कि जब कोई जानवर, कोरोना संक्रमित इंसान के संपर्क में आता है तो नए प्रकार के कोरोना वायरस वैरिएंट का जन्म हो सकता है। इस रिसर्च के सामने आने के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट भी जानवरों से ही विकसित हुआ है। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं हुई है।
इस अध्ययन में पता चला कि जब कोई जानवर, कोरोना संक्रमित इंसान के संपर्क में आता है तो नए प्रकार के कोरोना वायरस वैरिएंट का जन्म हो सकता है। इस रिसर्च के सामने आने के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट भी जानवरों से ही विकसित हुआ है। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं हुई है।
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इस संबंध में वैज्ञानिकों का कहना है कि आम तौर पर कई प्रकार के वायरस जानवरों की अन्य प्रजातियों को संक्रमित नहीं कर सकते हैं, वे बहुत विशिष्ट हो गए हैं, लेकिन कोरोना फैमिली का सार्स-कोव-2 इससे अलग है। कुछ विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि मनुष्यों के आस-पास रहने वाले जानवरों के लिए ये वायरस अधिक जोखिम वाला है, इसलिए इसने कोविड-19 फैमिली के विभिन्न वैरिएंट को उत्पन्न करने का अवसर दिया है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के इस नए वेरिएंट को काफी खतरे वाला बताया है। वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इस वेरिएंट के चलते कई देशों में कोरोना की नई लहर की चेतावनी भी दी है। बता दें कि अब तक यह वेरिएंट कई देशों में फैल चुका है। ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना के अन्य प्रकारों से अधिक संक्रामक है, क्योंकि ओमिक्रॉन में 32 म्यूटेशन हैं।