स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ये मक्खियां देशी नहीं हैं, लेकिन प्रजनन के अनुकूल माहौल और पर्याप्त खाद्य आपूर्ति की तलाश में नए क्षेत्रों में आ सकती हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मूल रूप से पूर्वी अफ्रीका में पाई जाने वाली नैरोबी मक्खियां मझीतर स्थित सिक्किम मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान (SMIT) परिसर में तेजी से बढ़ रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि हाल में मक्खियों से संक्रमित हुए एक छात्र के हाथ की सर्जरी करनी पड़ी। स्वास्थ्य विभाग के सूचना, शिक्षा एवं संचार अधिकारी सोनम ग्यालत्सेन भूटिया ने कि ये मक्खियां काटती नहीं हैं, लेकिन अगर मक्खी शरीर पर बैठे या चिपके तो उसे छूना नहीं चाहिए।
अधिकारी ने कहा की छूने पर,या इसे मसलने से यह एसिड जैसे जहरीला पदार्थ छोड़ता है, जिसे पेडरिन नाम से जाना जाता है। जो बहुत हानिकारक होता है। अगर यह हाथों या शरीर के किसी भी हिस्से पर बैठती है तो इसे उड़ाने के बाद शरीर के जिस हिस्से पर मक्खी बैठी है, उसे साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक मझीतर, मणिपाल में कम से कम 100 छात्र कथित तौर पर इससे प्रभावित हुए हैं, जबकि एक को हाथ का ऑपरेशन करवाना पड़ा।
यह भी पढ़ें
12 जुलाई को झारखंड जाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी, देवघर एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन
स्टूडेंट्स ने बताया कि हाल ही में एक स्टूडेंट मक्खियों की वजह से संक्रमित हो गया था। इन्फेक्शन इतना बढ़ गया था कि उसे अपने हाथ की सर्जरी करानी पड़ी थी। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि संक्रमित छात्रों की दवा चल रही है। इससे उन्हें राहत मिल रही है। परिसर में कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही छात्रों को जागरूक किया जा रहा है कि इस स्थिति से निपटने के लिए क्या करें और क्या न करें। नैरोबी मक्खियों से निकलने वाले एसिड ‘पेडरिन’ के त्वचा के सम्पर्क में आने से यह एसिड जलन पैदा करता है। आंखों को मसलते वक्त अगर यह खतरनाक पेडरिन आंखों तक पहुंच जाता है तो कुछ देर के लिए संक्रमित व्यक्ति अंधेपन में भी चला जाता है। चिकित्सकों की सलाह है कि शरीर पर इसके बैठने या चिपकने का अगर किसी को पता चलता है तो इसे धीरे से फूंक मारकर उड़ा देना चाहिए, या फिर ब्रश करके इस एसिड फ्लाई को हटा देना चाहिए। उसके बाद त्वचा को साबुन से अच्छे से साफ कर लेना चाहिए।
यह भी पढ़ें