धनखड़ ने मंगलवार को गुवाहाटी में भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के 25वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि देश अपने नागरिकों के लिए यूसीसी को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत देश के शासन में मौलिक हैं और उन्हें कानूनी जामा पहनाना राज्य का कर्तव्य है। जिस तरह पंचायतों, सहकारी समितियों और शिक्षा के अधिकार को पहले ही कानून में बदल दिया गया है। अब उसी तरह संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू करने का समय आ गया है। यूसीसी भारत और इसके राष्ट्रवाद को अधिक प्रभावी ढंग से मजबूत करेगी।
उपराष्ट्रपति ने नाम लिए बिना कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने देश की छवि को धूमिल करने के प्रयासों और लगातार चलाए जा रहे राष्ट्र विरोधी नेरेटिव्स के प्रति आगाह करते हुए कहा कि भारत विरोधी षड़यंत्रकारियों को प्रभावी ढंग से खारिज करने के लिए सभी दृढ़ता से खड़ा रहना होगा। भारत को सबसे बड़ा, सबसे पुराना, सबसे कार्यात्मक और जीवंत लोकतंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि देश आज वैश्विक शांति और सद्भाव को स्थिरता दे रहा है। न तो हम फलते-फूलते लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर आंच आने दे सकते हैं और न ही किसी भी विदेशी इकाई को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति दी जा सकती है।
इससे पहले गुवाहाटी पहुंचने पर धनखड़ की राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा व आईआईटी गुवाहाटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. राजीव मोदी ने अगवानी की। धनखड़ ने धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ के साथ प्रसिद्ध कामख्या मंदिर में पूजा अर्चना की।