पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर हो रही है रैलियां दरअसल, इन दिनों सीमाई प्रांत पख्तूनख्वा में रहने वाले पश्तूनों का पाक सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इनकी मांग है कि विगत 10 साल में चरमपंथ के खिलाफ कार्रवाई में जो लोग गायब हुए हैं, उन्हें सामने लाकर कोर्ट में पेश किया जाए। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ये आंदोलन सरकार के तमाम विरोधों के बावजूद लगातार बढ़ रहा है और हजारों लोग इनमें शामिल हो रहे हैं, जिसका नेतृत्व मंजूर पश्तीन कर रहा है। पाकिस्तान में बीते कुछ महीनों में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) नाम का संगठन तेजी से उभरा है। ये पश्तून समुदाय में काफी लोकप्रिय हो रहा है। पिछले तीन महीनों में पाकिस्तान में आमतौर पर इसी संगठन की अगुवाई में आंदोलन जारी है। वहीं, पाकिस्तान की दूसरी पार्टियां इस संगठन से दूरी बरत रही हैं, वहीं सेना के डर से पाकिस्तान मीडिया ने भी इसे ब्लैक आउट किया हुआ है।
प्रदर्शन में काफी संख्या में शामिल हो रहे हैं लोग इन दिनों खैबर पख्तूनख्वां और वजीरिस्तान में काफी प्रदर्शन हो रहे हैं और मंजूर पश्तीन को सुनने के लिए काफी संख्या में लोग आ रहे हैं। मंजूर ने अपने भाषण में आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सेना चरमपंथ को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा अफगानिस्तान की सीमा पर लगे कबायली इलाकों में काले कानून को भी खत्म करने की मांग की जा रही है। साथ ही जिन लोगों के घर सैनिक कार्रवाई में तबाह हुए, उनके लिए मुआवजा भी देने की मांग उठ रही है।