दरअसल, वेई अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में द इंडिया प्रोजेक्ट की निदेशक डॉ तन्वी मदान के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने दो साल पहले भारत के साथ LAC पर कई बिंदुओं पर यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कदम क्यों उठाया था? जिसके चलते जिसके कारण सैन्य संघर्ष हुआ, जिसके चलते 45 सालों में पहली बार संघर्ष की खबें सामने आईं।और ऐसे कदम क्यों उठाए गए जो उन समझौतों का उल्लंघन करते थे जिन पर बीजिंग-दिल्ली ने 25 वर्षों में सावधानीपूर्वक बातचीत की थी।
बता दें, पिछले दिनों पैंगांग झील को लेकर भारत और चीन की सेना के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ था। इसके बाद से लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। भारतीय और चीनी सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में 5 मई, 2020 से तनावपूर्ण सीमा गतिरोध में बंद कर दिया गया है, जब पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। चीन भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों का निर्माण और सड़कों और आवासीय इकाइयों जैसे अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहा है।
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वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर और गोगरा क्षेत्र में अलगाव की प्रक्रिया पूरी की। हालांकि, प्रत्येक पक्ष के पास वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी के साथ लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति और शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह भी पढ़ें