नई दिल्ली

जैव विविधता विधेयक के लिए विधायी प्रक्रिया को किया नष्ट-रमेश

कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि जैव विविधता (संशोधन) विधेयक के लिए सरकार ने सभी विधायी प्रक्रिया को नष्ट कर दिया है।

नई दिल्लीAug 02, 2023 / 07:29 pm

Shadab Ahmed

कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि जैव विविधता (संशोधन) विधेयक के लिए कई संशोधन पेश किए गए थे। इसके बावजूद बिना बहस के शोर-शराबे में राज्यसभा में इसे पास कर दिया है।
रमेश ने मीडिया से कहा कि इस सरकार में पर्यावरण व वन क्षेत्र में संरक्षण के मुकाबले कारोबार को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। विधेयक में संसद की संयुक्त समिति की ज्यादातर सिफारिशों को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 पहली बार 16 दिसंबर, 2021 को लोकसभा में पेश किया था। विधेयक में जैव विविधता अधिनियम, 2002 में कई दूरगामी संशोधन थे। प्रक्रिया के तहत विधेयक को विज्ञान व प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं वन संबंधी स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की बजाय एक संयुक्त समिति का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष सत्ताधारी दल के एक वरिष्ठ और काबिल सांसद हैं। जयराम रमेश ने कहा कि संयुक्त समिति ने 21 प्रमुख सिफारिशें की, लेकिन पारित विधेयक में समिति की इन सिफ़ारिशों में से एक को छोडक़र बाकी सभी को ख़ारिज़ कर दिया गया है। ऐसा शायद ही कभी हुआ हो।

वन अधिकार अधिनियम, 2006 की अनदेखी

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश कहा कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 की अनदेखी की है, जो आदिवासियों और पारंपरिक रूप से वन में रह रहे लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था। परियोजनाओं के लिए वन मंज़ूरी के मामले में अब तो उनकी आजीविका एवं अधिकार भी कोई मायने नहीं रखते। यही कारण है कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी वन संरक्षण नियम, 2022 पर गंभीर आपत्ति जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त समिति में शामिल सभी सदस्यों की मेहनत का अपमान है।
…..

Hindi News / New Delhi / जैव विविधता विधेयक के लिए विधायी प्रक्रिया को किया नष्ट-रमेश

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.